1 करोड़ से ज्यादा बच्चों को लगी Vaccine की पहली डोज, 3 जनवरी से शुरू हुआ था वैक्सीनेशन

By Team MyNation  |  First Published Jan 5, 2022, 6:05 PM IST

15-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन प्रोसेस 3 जनवरी से शुरू हुई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार पहले दिन करीब 40 लाख बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी। 
 

नई दिल्ली. कोरोना (covid 19) के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर है। 15 से 18 साल के 1 करोड़ से अधिक बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। इस बात की जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya )ने दी है। बच्चों का वैक्सीनेशन (Children Vaccination) 3 जनवरी से शुरू हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में 15-18 आयुवर्ग के 8 करोड़ बच्चे हैं, जबकि करीब साढ़े 6 करोड़ स्कूली बच्चे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, 15-18 आयु वर्ग के लोगों को केवल कोवैक्सीन ही दी जा रही है। कोवैक्सीन की दूसरी डोज 28 दिन बाद दी जानी है।  बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए दिल्ली में 159 सेंटर चिन्हित किए गए। 3 जनवरी को देशभर में करीब 40 लाख से ज्यादा बच्चों ने वैक्सीन की डोज लगवाई थी। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि हमने कोविड के खतरे को देखते हुए पहले ही तैयारी कर ली थी। उन्होंने कहा कि हमने ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाया है। वहीं, आगामी समय में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए होने वाली रैलियों पर वह बोले कि यह फैसला राज्यों पर छोड़ दिया गया है। दरअसल हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनावों को टालने के लिए पीएम मोदी और चुनाव आयोग से अपील की थी। इसके बाद ही यह चर्चा तेज होने लगी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि चुनावों में होने वाली सार्वजनिक रैलियों के फैसले को हमने राज्य सरकारों पर छोड़ दिया गया है, हम सिर्फ एडवाइजरी जारी करते हैं।

दक्षिण अफ्रीका से निकलकर फैले ओमीक्रोन वैरिएंट ने बहुत ही तेजी के साथ दुनिया को गिरफ्त में लिया है। पिछले एक हफ्ते में दुनियाभर में नए मामलों में 82% तक की वृद्धि हुई है, लेकिन भारत के आंकड़े डराने वाले हैं। देश में पिछले 7 दिनों में कोविड के नए मामलों की रफ्तार में 316% का इजाफा हुआ है। यह अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से बहुत ही अधिक है। हालांकि, राहत की बात ये है कि भारत में मौतों के मामले पिछले एक सप्ताह में 14 फीसदी घटे हैं। 

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