मध्य प्रदेश के मुरैना की भाई-बहन की एक जोड़ी ने सीए की फाइनल परीक्षा (ICAI Final Results) में कमाल किया है। बहन नंदिनी अग्रवाल ने देश भर में पहला स्थान और भाई सचिन अग्रवाल ने 18वीं रैंक लाकर मुरैना का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है।
मुरैना (मध्यप्रदेश). कहते हैं कि कुछ करने की चाहत और जुनून हो तो कामयाबी मिलने में आपको ज्यादा वक्त नहीं मिलता है। बस आपका लक्ष्य सही होना चाहिए। मध्य प्रदेश के मुरैना की भाई-बहन की एक जोड़ी ने सीए की फाइनल परीक्षा (ICAI Final Results ) में ऐसा कमाल किया है कि हर कोई उनकी सफलता की चर्चा कर रहा है। बहन नंदिनी अग्रवाल ने जहां देश भर में पहला स्थान लाकर मुरैना का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। तो वहीं भाई सचिन अग्रवाल ने भी बड़ा मुकाम हासिल करते हुए पूरे देश में 18वीं रैंक बनाई है। दोनों की इस सफलता पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने उनको बधाई दी है। भाई-बहन ने बताया कैसे उन्होंने पहले ही प्रयास में हासिल की यह सफलता...
दरअसल, सोमवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सीए फाइनल परीक्षा के नतीजे जारी किए हैं। जिसमें नंदिनी अग्रवाल 800 में से 614 अंक हासिल करते हुए देश में पहले स्थान पर रही हैं। वहीं सचिन अग्रवाल को 800 में से 568 अंक प्राप्त कर अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 18 हासिल की है।
मीडिया से बात करते हुए दोनों ने बताया कि हम सीए की परीक्षा की तैयारी एक साथ बैठकर करते थे। एक टाइम फिक्स कर प्रशनपत्र को हल करते। इतना ही नहीं एक-दूसरे की कॉपी भी चेक करते थे, जिससे गलती निकाल सकें। पढ़ाई के दौरान दोनों झगड़ते भी बहुत थे। लेकिन दोनों पढ़ाई में कोई लापरवाही नहीं करते थे।
नंदिली और सचिन ने बताया कि कोरोना कॉल की वजह से अधितक क्लासेस हम लोगों ने ऑनलाईन ली थीं। रोजोना 12 से 15 घंटे पढ़ाई करते थे। पढ़ाई के दौरान दोनों ने सोशल मीडिया और अपने स्मार्ट फोन से दूरी बना ली थी। उन्होंने बताया कि प्लानिंग के साथ मेहनत करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। साथ ही उन्होंने दूसरे स्टूडेंट को सफल होने का मंत्र बताते हुए कहा कि अगर कुछ करना है तो आपको कुछ समय के लिए सोसल मीडिया और दोस्तों से दूरी बना लेना चाहिए।
बता दें कि सीए फाइनल परीक्षा में कमाल वाली नंदिनी का परिवार एकाउंट पृष्ठिभूमि से आते हैं। इसलिए नंदिनी का भी सपना था कि वह आगे चलकर सीए बनेगी। नंदिनी के पिता नरेशचन्द्र गुप्ता एक आयकर सलाहकार हैं तो मां डिंपल गुप्ता भी एकाउंट ग्रेजुएट हैं। दोनों ने अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग किया। शायद इसलिए आज उनकी बेटी ने यह सफलता हासिल की है।
दोनों ने बताया कि हमारी किस्मत अच्छी थी जो हमें पहले ही प्रयास में यह सफलता मिल गई। नहीं तो स्टूडेंट्स को इस परीक्षा को पास करने के लिए दो-तीन प्रयास करने पड़ते हैं। वहीं नंदिनी ने कहा कि मैं बहुत ही भाग्यशाली रही हूं कि मुझे बहुत सहायक माता-पिता मिले। उन्होंने तैयारी के समय हर तरफ से मेरी मदद की।
नंदिनी और सचिन की इस सफलता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बधाई दी है। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने ट्विटर पर बधाई दी।