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104 साल की दादी का कमाल: 100 में से 89 नंबर लाकर पेश की मिसाल, जानें कौन है ये अम्मा

Published : Nov 18, 2021, 04:05 PM IST
104 साल की दादी का कमाल: 100 में से 89 नंबर लाकर पेश की मिसाल, जानें कौन है ये अम्मा

सार

केरल की कोट्टायम जिले की 104 वर्षीय कुट्टियम्मा ने स्टेट लिटरेसी मिशन टेस्ट में 100 में से 89 नंबर लाकर लोगों के लिए एक मिसाल पेश की है।

ट्रेंडिंग डेस्क : कहते हैं पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती, शिक्षा एक ऐसा ज्ञान होता है, जो ताउम्र हमारे साथ रहता है। भले ही धन-दौलत, हीरे जवाहरात हमसे दूर हो जाए, लेकिन शिक्षा एक ऐसी चीज है जो हमारे साथ हमेशा रहती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केरल की एक 104 साल की महिला ने इतिहास रचा और इस बात को सच साबित करके दिखाया कि, कामयाबी के लिए उम्र मोहताज नहीं होती। यदि आपमें जोश और जज्बा हो, तो आप किसी भी उम्र में कोई भी चीज हासिल कर सकते हैं। इस 104 वर्षीय कुट्टियम्मा (Kuttiyamma) ने केरल सरकार की ओर से आयोजित की गई सतत शिक्षा पहल में परीक्षा (Kerala State Literacy Mission) दी और 100 में से 89 अंक लाकर इतिहास रच दिया। आइए आपको मिलवाते हैं इस दादी से...

कुट्टियम्मा नाम की 104 साल की इस महिला ने स्टेट लिटरेसी मिशन टेस्ट पास कर कर एक ऐसा उदाहरण पेश किया, जो सालों तक याद रखा जाएगा। उन्होंने सतत परीक्षा में आवेदन करके ना सिर्फ इस परीक्षा को पास किया बल्कि 100 में से 89 अंक भी प्राप्त किए। उनकी इस कामयाबी के बाद केरल के शिक्षा मंत्री वासुदेवन शिवनकुट्टी ने ट्वीट कर उनकी सराहना की और शुभकामनाएं दी। उन्होंने लिखा कि 'कोट्टायम की 104 वर्षीय कुट्टियम्मा ने केरल राज्य साक्षरता मिशन की परीक्षा में 89/100 अंक प्राप्त किए हैं। ज्ञान की दुनिया में प्रवेश करने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। अत्यंत सम्मान और प्रेम के साथ, मैं कुट्टियम्मा और अन्य सभी नए शिक्षार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं।'

कौन है कुट्टियम्मा

जैसा कि हमने बताया कि कुट्टियम्मा की उम्र 104 साल है। इस उम्र में अक्सर लोगों को कई सारी परेशानी होती है। कुट्टियम्मा को भी सुनने में काफी दिक्कत है और वह थोड़ा ऊंचा सुनती है। लेकिन जब केरल स्टेट लिटरेसी मिशन की शुरुआत हुई, तब उन्होंने इसमें भाग लेने का निर्णय लिया और जब उन्होंने टेस्ट दिया तो उनका टेस्ट रिजल्ट देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो गया। सबसे खास बात यह है कि कुट्टियम्मा कभी स्कूल नहीं गई थी। वह केवल पढ़ सकती थी, लेकिन लिख नहीं सकती थी। साक्षरता प्रेरक ने कुट्टियम्मा को लिखना सिखाया और इस उम्र में उन्होंने लिखना सीख कर ये परीक्षा अच्छे नंबर से पास की।

बता दें कि, केरल में एजुकेशन रेट बहुत अच्छा है। 2011 की जनगणना में यहां पर साक्षरता दर 94 प्रतिशत थी। इस जनगणना के अनुसार पुरुष लिटरेसी रेट 96.1 एक और महिला लिटरेसी रेट 92.07 प्रतिशत रहा है। इसी साक्षरता मिशन को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने स्टेट लिटरेसी मिशन की शुरुआत की। फिलहाल यह चौथी, सातवीं, 10वीं और 12वीं की कक्षा के लिए समकक्ष का कार्यक्रम है।

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