इस मुस्लिम देश की डूब रही इकोनॉमी, बैंकों में मची लूटपाट, अपने पैसे लेने को मरने-मारने पर उतारू हैं लोग

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jul 21, 2023, 9:23 PM IST

लेबनान की अर्थव्यवस्था डूबती नाव बन गई है। हालात इतने खराब हैं कि लोग लूटपाट पर उतारू हो गए हैं, क्योंकि लोगों को बैंकों में जमा उनका ही पैसा वापस नहीं मिल पा रहा है। बैंको के बाहर अपना पैसा वापस लेने के लिए लोग बैंक कर्मचारियों से मारपीट पर उतारू हैं।

नई दिल्ली। लेबनान की अर्थव्यवस्था डूबती नाव बन गई है। हालात इतने खराब हैं कि लोग लूटपाट पर उतारू हो गए हैं, क्योंकि लोगों को बैंकों में जमा उनका ही पैसा वापस नहीं मिल पा रहा है। बैंको के बाहर अपना पैसा वापस लेने के लिए लोग बैंक कर्मचारियों से मारपीट पर उतारू हैं। लेबनान की इकोनॉमी इस कदर बिगड़ चुकी है कि ज्यादातर लोगों के पास खाने पीने की चीजें खरीदने के लिए पैसे नही हैं। लोगों ने बैंकों में जो पैसा जमा किया था। उसका मूल्य काफी गिर चुका है। 

केंद्रीय बैंक के गवर्नर रियाद छोड़ रहें अपना पद

मध्य-पूर्वी देश लेबनान की अर्थव्यवस्था इतनी खस्ता है, जो कभी भी ताश के पत्तों की तरह ढह सकती है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर रियाद सलामेह भी अपना पद छोड़ रहे हैं। वह 30 साल से इसी पद पर काबिज थे। लोग बैंक कर्मचारियों को अपने जमा पैसे लेने के लिए तरह तरह की धमकियां दे रहे हैं। उनका मकसद बैंक में जमा अपना पैसा वापस लेना है। लेबनान की स्थानीय मीडिया में इस तरह की खबरें आम हैं।

बैंकों में अपने जमा पैसे नहीं निकाल पा रहें लोग

लेबनान की मुद्रा के भारी अवमूल्यन की वजह से आर्थिक संकट के ऐसे हालात बने हैं कि लोगों को बैंकों से अपना ही पैसा वापस लेने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। किसी को इलाज कराना है तो किसी को खाने पीने के सामान खरीदना है। पर लोग बैंकों में जमा अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। लोगों ने बैंकों में जितने भी पैसे जमा किए थे। अब उनके उन्हीं पैसों की कीमत 80 फीसदी तक कम हो गई है। बैंकों से पैसे लेने के लिए लोगों की बढ़ती तादाद से बैंक कर्मचारी भी दहशत मे हैं।

पोंजी स्कीम की वजह से बुरी हुई हालत

लेबनान की इकोनॉमी क्राइसिस के लिए केंद्रीय बैंक के गवर्नर रियाद सलामेह को जिम्मेदार बताया जा रहा है। ​मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बड़े पैमाने पर जो पोंजी स्कीमें चलाईं। उनकी वजह से लोगों को लोन देने के लिए केंद्रीय बैंक को पैसे उधार लेने पड़ें। इसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।

जिम्मेदारी से बच रहे हैं रियाद

उधर, रियाद सलामेह खुद को अर्थव्यवस्था की तबाही के आरोपों को खारिज करते हुए कहते हैं कि वित्तीय फैसले पूरी केंद्रीय परिषद लेती है। गवर्नर उनको लागू करता है। यह कहकर वह भले ही अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हों। पर रियाद सलामेह पर गबन के भी आरोप हैं। जिसकी करीबन आधा दर्जन से ज्यादा देशों में जांच चल रही है। 

आधा दर्जन से ज्यादा देशों में चल रही जांच

रियाद सलामेह पर 30 करोड़ डालर की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। जर्मनी और फ्रांस में उनकी संपत्ति सीज की गई है। इसके अलावा स्विट्जरलैंड, लक्जमबर्ग, मोनाको और बेल्जियम में भी उनके खिलाफ जांच जारी है। उन पर आपराधिक संगठनों से जुड़े होने का भी आरोप है। बरहाल, पर मौजूदा समय में लेबनान की मुद्रा ने 98 फीसदी तक अपना मूल्य खो दिया है और यह सब उनके लंबे कार्यकाल के दौरान ही हुआ है। लेबनान की जीडीपी में 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

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