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पहली बार ऐसा स्वागत: 200 किन्नरों को भव्य भोज, भजन और सम्मान समारोह, स्वागत में छलकी आंखें, जानिए वजह

Published : Oct 18, 2021, 08:13 PM IST
पहली बार ऐसा स्वागत: 200 किन्नरों को भव्य भोज, भजन और सम्मान समारोह, स्वागत में छलकी आंखें, जानिए वजह

सार

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में एक परिवार ने बेटे के जन्म की खुशी में शहर के 200 किन्नरों को भोज पर आमंत्रित किया। उनकी पसंद के पकवान बनवाए और किन्नर गुरुओं का शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया।

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में एक परिवार ने बेटे के जन्म की खुशी में शहर के 200 किन्नरों को भोज पर आमंत्रित किया। उनकी पसंद के पकवान बनवाए और किन्नर गुरुओं का शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया। यहां किन्नर समाज ने भजन कीर्तन गाए और बच्चे का आशीर्वाद दिया। अन्नपूर्णा कॉम्प्लेक्स में रहने वाले आयोजक दीपक सिंह ठाकुर और उनकी पत्नी आशा ने बताया कि जैसे ब्राह्मणों, कन्याओं आदि का भोज होता है ऐसे ही एक प्रथा शुरू करनी चाहिए, जिसमें किन्नर समाज का भोज हो और उनको सम्मान मिले। जानिए इस अनूठे पूरे कार्यक्रम के बारे में...

Madhya Pradesh Bhopal family organized a program in honor of kinnar samaj after birth of their childMadhya Pradesh Bhopal family organized a program in honor of kinnar samaj after birth of their child

सवा महीने के बच्चे को गोद में लेकर नाचे किन्नर
किन्नरों ने कार्यक्रम में ढोलक बजा कर भजन आए। कलाकारों ने कव्वाली की प्रस्तुति दी। गाना-बजाना करके दपंति के सवा महीने के बेटे खुशांक को आशीर्वाद और दुआएं दीं। किन्नर हाजी सुरैया नायक गुरु मंगलवारा और बुधवारा से पूजा नायक समेत अन्य किन्नर खुशी में नृत्य करते हुए दिखे। बेटे को गोद में उठाकर भजनों और गानों पर नृत्य किया। कार्यक्रम शाम 6 बजे शुरू हुआ। रात 8 बजे किन्नर गुरुओं का सम्मान किया गया। इसके बाद भोज हुआ। कार्यक्रम में दंपती के परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और आसपास के लोग शामिल हुए।

6 महीने की गर्भवती थीं पत्नी, तब हो गया था कोरोना
दीपक ने बताया कि सदियों से हम देखते आ रहे हैं कि हमारी हर खुशी के मौके पर किन्नर समाज ना सिर्फ दुआएं देता है, बल्कि गाना-बजाना भी करता है। लेकिन, उनकी तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है। हम उन्हें समाज में और उचित स्थान देने के लिए यह आयोजन किया। दीपक बताते हैं कि जब उनकी पत्नी आशा 6 महीने की गर्भवती थी, तब कोरोना पॉजिटिव हो गई थी। बाद में स्वस्थ हो गईं और बेटे को जन्म दिया। तब कोरोना की वजह से किन्नर बधाई गाने नहीं आ पाए थे। इसलिए अब उन्हें न्योता देकर बुलाया।

किन्नर गुरुओं को सम्मानित किया
दीपक, पत्नी आशा सिंह और दोस्त जितिन राठौर ने मंगलवारा, बुधवारा, इतवारा और अहमदपुर में रहने वाले किन्नर समाज के 200 लोगों को आयोजन के संबंध में बताया और आमंत्रित किया। किन्नरों ने सुना तो वो चौंक गए और खुशी-खुशी आने को तैयार हो गए। किन्नरों की पसंद के पकवान बनवाए और किन्नर गुरुओं का शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया। 

घरवालों से पूछा तो सभी ने सहमति जताई
दीपक बताते हैं कि बेटे-बेटियों की जन्म की खुशी में किन्नर आते हैं। गाना-बजाना करते हैं और जो दान मिलता है, उसे खुशी से ले जाते हैं। किन्नर बेटे के जन्म की खुशी में घर नहीं आ पाए थे। अभी कोरोना कम हुआ तो सोचा क्यों न ऐसा आयोजन करूं कि किन्नरों को आमंत्रित करके उन्हें भोज दिया जाए। घर में पत्नी आशा और परिवार के सदस्यों को बताया तो सभी ने सहमति जता दी। 

दीपक, पत्नी आशा सिंह और दोस्त जितिन राठौर ने किन्नर समाज के 200 लोगों को आयोजन के संबंध में बताया और आमंत्रित किया।
 

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