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MP में इस नदी पर बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा एनर्जी प्लांट: पानी में तैरता आएगा नजर, खूबसूरत तस्वीरें

Published : Oct 05, 2021, 10:06 PM IST
MP में इस नदी पर बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा एनर्जी प्लांट: पानी में तैरता आएगा नजर, खूबसूरत तस्वीरें

सार

पॉवर हब के रूप में पहचान बना रहे मध्यप्रदेश में विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पार्क का काम चल रहा है। खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध है। इसी बांध पर विश्व का सबसे बड़ा तैरता सोलर एनर्जी (solar energy)प्लांट (plant) बन रहा है।

खंडवा: रिन्युएबल एनर्जी की दिशा में हिंदुस्तान अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। भारत ने विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर सोलर पार्क का काम शुरू कर दिया है। पॉवर हब के रूप में पहचान बना रहे मध्यप्रदेश में इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध है। इसी बांध पर विश्व का सबसे बड़ा तैरता सोलर एनर्जी (solar energy)प्लांट (plant) बन रहा है। इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी।

Madhya Pradesh world's largest floating solar plant being built on Narmada river in KhandwaMadhya Pradesh world's largest floating solar plant being built on Narmada river in Khandwa

रिन्युएबल एनर्जी की दिशा में हिंदुस्तान अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। भारत ने विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर सोलर पार्क का काम शुरू कर दिया है। पॉवर हब के रूप में पहचान बना रहे मध्यप्रदेश में इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध है। इसी बांध पर विश्व का सबसे बड़ा तैरता सोलर एनर्जी (solar energy)प्लांट (plant) बन रहा है। इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी।

लागत कम तो बिजली भी होगी सस्ती
इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। सोलर पार्क के बन जाने से प्रदेश की बिजली की समस्या दूर हो जाएगी। यह सोलर प्लांट पानी पर तैरने वाला होने से सरकार को जमीन नहीं खरीदनी पड़ी है। इससे परियोजना की लागत कम तो है ही, बिजली भी सस्ती मिलेगी।

पानी पर तैरेंगे पैनल
प्रोजेक्ट में बनाए जा रहे सोलर पैनल ओंकारेश्वर बांध के बैकवॉटर में तैरेंगे। बांध का जलस्तर कम-ज्यादा होने पर यह अपने आप ही ऊपर-नीचे हो सकेंगे। तेज लहरें और बाढ़ का भी इन पर कोई असर नहीं  होगा। सूर्य की रोशनी से लगातार बिजली का उत्पादन होता रहेगा।

2,000 हेक्टेयर में बनेगी बिजली
इस प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट के इलाके से लेकर खंडवा सब-स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रूट का सर्वे किया जाएगा। प्रोजेक्ट को लेकर एक स्टडी भी कराई जाएगी कि इसका पर्यावरण पर क्या असर होगा। मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी इस प्रोजेक्ट से बिजली खरीदेगी। कंपनी ने 400 मेगावाट बिजली खरीदने की बात कही है। यहां बिजली का उत्पादन बांध के करीब 2,000 हेक्टेयर जल क्षेत्र में होगा।

पॉवर हब बनेगा मध्यप्रदेश
11 जनवरी को मंत्री हरदीप सिंह डंग पूर्व सांसद स्व. नंदकुमार सिंह के साथ यहां का जायजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने बताया था कि इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट ऊर्जा मिलने लगेगी। सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में मध्यप्रदेश लगातार कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस परियोजना से बिजली की समस्या दूर होने की बात कह चुके हैं।

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