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लालटेन से पढ़ाई कर बढ़े आगे...अब वॉरेन बफेट की राह पर 2 दिग्गज, दान करेंगे 1200 करोड़ के शेयर

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Jul 29, 2023, 07:01 PM ISTUpdated : Jul 31, 2023, 09:28 AM IST
लालटेन से पढ़ाई कर बढ़े आगे...अब वॉरेन बफेट की राह पर 2 दिग्गज, दान करेंगे 1200 करोड़ के शेयर

सार

पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर के एक छोटे से गांव से निकलकर मोतीलाल ओसवाल ने अपने दोस्त रामदेव अग्रवाल के साथ मिलकर बिजनेस वर्ल्ड की ऊंचाइयां छुईं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOSFL) बनाई। अब, MOSFL के दोनों फाउंडर्स ने अपने हिस्से के 5-5 फीसदी इक्विटी शेयर दान करने का निर्णय लिया है। 

मुंबई। पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर के एक छोटे से गांव से निकलकर मोतीलाल ओसवाल ने अपने दोस्त रामदेव अग्रवाल के साथ मिलकर बिजनेस वर्ल्ड की ऊंचाइयां छुईं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOSFL) बनाई। कच्ची छत और लालटने की रोशनी में पढ़ कर आगे निकले मोतीलाल मुंबई आए और कड़ा संघर्ष किया, उसी बीच सीए की डिग्री भी हासिल की। दोस्त रामदेव अग्रवाल का साथ मिला तो बिजनेस में नये कीर्तिमान बनाएं। अब, MOSFL के दोनों फाउंडर्स ने अपने हिस्से के 5-5 फीसदी इक्विटी शेयर दान करने का निर्णय लिया है। 

अगले 10 वर्षों में खर्च की जाएगी धनराशि

MOSFL फाउंडर्स के द्वारा दान किए जा रहे शेयर कम्पनी की कुल इक्विटी शेयर का 10 फीसदी होंगे। मौजूदा शेयर भाव के अनुसार, इन शेयर्स की कुल कीमत 1200 करोड़ रुपये से अधिक है। दोनों फाउंडर्स मोतीलाल ओसवाल और रामदेव अग्रवाल 73,97,556-73,97,556 शेयर दान करेंगे। स्टॉक एक्सचेंजों को की गई एक नियामक फाइलिंग में MOSFL ने कहा कि अगले 10 वर्षों में डोनेट की गई पूरी धनराशि खर्च की जाएगी। 

किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी काम

मोतीलाल ओसवाल ने हमेशा नॉलेज फर्स्ट की थीम को आगे रखा है। अपने ट्विटर हैंडल से भी वह नियमित तौर पर मोटिवेशनल कोट शेयर करते हैं। उन्होंने किसानों को शिक्षित करने और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में भी काम किया है। इसी मकसद से महाराष्ट्र में 'क्रिशकुल' की स्थापना की गई। जिसमें उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।

वॉरेन बफे की राह पर चलें मोतीलाल ओसवाल और रामदेव अग्रवाल

इससे पहले अमेरिकी बिजनेसमैन वॉरेन एडवर्ड बफेट ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान करने का फैसला लेकर सबको चौंका दिया था। अब, वॉरने बफे को अपना गुरु मानने वाले रामदेव अग्रवाल भी अपने दोस्त मोतीलाल ओसवाल के साथ उन्हीं की राह पर चल पड़े हैं।

कौन है रामदेव अग्रवाल?

रामदेव अग्रवाल ने साल 1983 में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की पढ़ाई के बाद शेयर बाजार में ही करियर चुना। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पहले उन्हें लगता था कि वह समझदार इन्वेस्टर हैं। उस समय वह वॉरेन बफे के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। साल 1994 में एक मित्र ने बर्कशायर हैथवे की बैलेंसशीट पढ़ने को दी। बैलेंस शीट के कुछ पन्ने पढ़ने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनकी निवेश के बारे में जानकारी कितनी कम है। कहा जाता है कि वह तभी से वॉरेन बफे को अपना गुरु मानने लगें। कई वर्षों तक उन्होंने रेगुलर बर्कशायर की बैलेंस शीट पढ़ी।

कौन हैं मोतीलाल ओसवाल?

मोतीलाल ओसवाल राजस्थान के बाड़मेर के एक छोटे से गांव पादरू के एक जैन परिवार जन्में। उनके पिता अनाज व्यापारी थे। पर मोतीलाल पारिवारिक व्यापार में शामिल नहीं हुए और औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने का फैसला किया। सीए की पढ़ाई के लिए मुंबई गए। मुंबई के एक हॉस्टल में साल 1987 में उनकी मुलाकात रामदेव अग्रवाल से हुई। उन्हीं के साथ उन्होंने MOFSL की की नींव रखी। 

जो मिला, वही समाज को वापस करने का प्रयास

मोतीलाल ओसवाल कहते हैं कि उन्होंने जिन शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई की या जिस हॉस्टल में रहें। कितने ही दानदाताओं ने उन्हें बनाया होगा। सबका आशीर्वाद मेरी सक्सेस में है। ये समाज को वापस करने का प्रयास है। रामदेव अग्रवाल कहत हैं कि देने के आनंद को शब्दों में नहीं बताया जा सकता। 

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