तोहफे में स्कूटी पाकर खिल उठा मजदूरी करके अपना जीवन यापन करने वाली दिव्यांग महिला का चेहरा

By Team MyNation  |  First Published Oct 20, 2021, 9:00 PM IST

दिवाली के शुभ अवसर पर नारायण सेवा संस्थान द्वारा दिव्यांग बिस्मिल्लाह को एक स्कूटी भेंट की गई। जालोर निवासी 55 वर्षीय दिव्यांग बिस्मिल्लाह मजदूरी का काम करके अपनी आजीविका चलाती हैं।

उदयपुर (राजस्थान). दिवाली के शुभ अवसर पर नारायण सेवा संस्थान द्वारा दिव्यांग बिस्मिल्लाह को एक स्कूटी भेंट की गई। जालोर निवासी 55 वर्षीय दिव्यांग बिस्मिल्लाह मजदूरी का काम करके अपनी आजीविका चलाती हैं। दिव्यांगता के कारण उन्हें आने-जाने और काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

3 साल की उम्र में पोलियो बुखार के इंजेक्शन से हो गया था, जिससे चलने-फिरने और खुद का काम करने में काफी दिक्कत होती थी। संस्थान ने बिस्मिल्लाह के ऑपरेशन को संचालित करने में भी सहायता की। इसी साल अप्रैल में शुगर की वजह से उनकी दाहिनी आंख में इंफेक्शन हो गया था, जिसका इलाज स्थानीय अस्पताल में काफी महंगा था, जिसके चलते बिस्मिल्लाह ने दोबारा संस्थान से संपर्क किया।

उनकी व्यथा सुनकर उनकी आंखों का इलाज किया गया और फिर एक स्कूटी प्रदान की गई। अब वह एक खुशहाल जिंदगी जी रही है। बिस्मिल्लाह कहती हैं कि जीवन एक कठिन सड़क है लेकिन यात्रा में अच्छे लोग मिल जाएं तो यह आसान हो जाता है। ऐसा है मेरा साथी नारायण सेवा संस्थान, जिसने हर पल मुझे अपने हाथ से थामे रखा। और समय-समय पर, मेरे गिरने से पहले, संस्थान आया।

संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल का कहना है कि जब उन्हें पहली बार बिस्मिल्लाह के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने अपनी हालत में सुधार करने का मन बना लिया और कहीं से भी उन्हें ऐसा नहीं लगा कि बिस्मिल्लाह कमजोर या लाचार हैं। इसलिए अपने निरंतर कृत्रिम अंग शिविर के माध्यम से हम कई लोगों के जीवन में प्रकाश लाना चाहते हैं और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहते हैं।

नारायण सेवा संस्थान अगले 10 दिनों में सीकर, गुड़गांव, श्रीगंगानगर शहरों में कृत्रिम अंग शिविर लगाने जा रहा है. जहां सभी जरूरतमंदों से अनुरोध है कि वे आकर मुफ्त कैलिपर्स और पोलियो ऑपरेशन के लिए संपर्क करें।

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