अब माइनस 50 डिग्री ठंड में भी चोटियों पर डटे रहेंगे जवान, DRDO की तकनीक से देश में बनेंगे सैनिकों के कपड़े

Team MyNation   | Asianet News
Published : Dec 29, 2021, 11:57 AM ISTUpdated : Dec 29, 2021, 11:59 AM IST
अब माइनस 50 डिग्री ठंड में भी चोटियों पर डटे रहेंगे जवान, DRDO की तकनीक से देश में बनेंगे सैनिकों के कपड़े

सार

DRDO की इस तकनीक को एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लॉथिंग सिस्टम (ECWCS) नाम दिया गया है। यह तकनीक मिलने के बाद भारतीय कंपनियां अपने जवानों को तो यह कपड़े मुहैया कराएंगे ही, साथ ही दूसरे देशों को भी कपड़ों का निर्यात कर सकेंगे।

नई दिल्ली। भीषण ठंड के मौसम में देश की हिफाजत के लिए लद्दाख, (Ladakh) कारगिल (Kargil) और अन्य हिमालयी इलाकों में तैनात भारतीय सैनिकों (Indian Army) को अब विदेशों से कपड़े नहीं खरीदने पड़ेंगे। डिफेंस रिसर्च एंड डेलवलमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने पांच भारतीय कंपनियों को कपड़ा निर्माण की ऐसी तकनीक सौंपी है, जो 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस 50 डिग्री तक थर्मल इन्सुलेशन प्रदान करती है। ग्लेशियर और हिमालयी इलाकों में सेना को ऐसे कपड़ों की जरूरत पड़ती है। 

हिमालयी क्षेत्रों के लिए बेहद आरामदायक
इस तकनीक को एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लॉथिंग सिस्टम (ECWCS) नाम दिया गया है। यह तकनीक मिलने के बाद भारतीय कंपनियां अपने जवानों को तो यह कपड़े मुहैया कराएंगे ही, साथ ही दूसरे देशों को भी कपड़ों का निर्यात कर सकेंगे। DRDO के दिल्ली स्थित लैब डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज (DIPAS) द्वारा डिजाइन और विकसित, अत्यधिक ठंड के मौसम के कपड़े थ्री लेयर सिस्टम से लैस हैं। इन्हें +15 डिग्री सेल्सियस से माइनस 50 डिग्री सेल्सियस के बीच थर्मल इन्सुलेशन प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। अत्यधिक ठंडे स्थानों के लिए डिजाइन किए गए ये कपड़े पहनने से शारीरिक गतिविधियों में किसी तरह की समस्या नहीं होती। हिमालयी क्षेत्रों की विभिन्न परिवेश की जलवायु में ये मनोवैज्ञानिक रूप से भी शरीर के लिए कम्फर्टेबल हैं।  

देश में बनेंगे, विदेशों को भी भेजेंगे
ECWCS को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह वाटरप्रूफ देते समय पसीने को तेजी से सोखे। अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर यह सैनिकों को पानी की कमी जैसी दिक्कतों से बचाता है और सांस की निर्बाध आपूर्ति करता है। दरअसल, हिमालय की चोटियों पर मौसम व्यापक रूप से उतार-चढ़ाव वाला होता है। ऐसे में नए एक्स्ट्रीम कोल्ड वेदर क्लॉथ सिस्टम मौजूदा जलवायु परिस्थितियों के लिए आवश्यक इन्सुलेशन को पूरा करेगा। डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने बताया कि विशेष कपड़ों और पर्वतारोहण उपकरण वस्तुओं के लिए एक स्वदेशी औद्योगिक आधार विकसित करने से न केवल सेना की आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा बल्कि इससे देश की निर्यात क्षमता में भी वृद्धि होगी।

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