यह कहानी कोलंबिया (Colombia) की नन ग्लोरिया सेसिलिया नारवेज ( NUN Gloria Cecilia Narvaez) की है, जो कोई चार-छह महीने नहीं; बल्कि 4 साल और 8 महीने तक जिहादियों की कैद में रही। उसे यातनाएं दी गईं।
बोगोटा(Bogot).यह कहानी कोलंबिया (Colombia) की नन ग्लोरिया सेसिलिया नारवेज ( NUN Gloria Cecilia Narvaez) की है, जो कोई चार-छह महीने नहीं; बल्कि 4 साल और 8 महीने तक जिहादियों की कैद में रही। उसे यातनाएं दी गईं। जिहादियों ने अल्टीमेट दिया कि अगर जिंदा रहना है, तो कुरान सीखो। ग्लोरिया ने कुरान को एक पवित्र ग्रंथ जानकर पढ़ा और काफी कुछ सीखा। आखिरकार जिहादी इन नन की हिम्मत के आगे हार गए और उसे मुक्त कर दिया। रविवार को जब कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धार्मिक नेता पोप फ्रांसिस ग्लोरिया से मिले, तो भावुक हो उठे। पढ़िए पूरी कहानी...
ग्लोरिया सेसिलिया नारवेज ( NUN Gloria Cecilia Narvaez) को 7 फरवरी, 2017 में बुर्किना फासो(Burkina Faso) देश की सीमा के पास दक्षिणी माली से अगवा(kidnapping) किया गया था।
पिछले साल जुलाई में रेड क्रॉस को लिखे एक खत में सिस्टर के भाई ने बताया था कि ग्लोरिया को GCIM नामक जिहादी संगठन ने किडनैप किया था। यह अल-कायदा(al Qaeda) से जुड़ा संगठन है। यह साहेल(Sahel) का सबसे बड़ा जिहादी गठबंधन है। साहेल या सहेल पट्टी अफ़्रीका के पश्चिम से पूर्व तक फैला एक क्षेत्र है जो सहारा के रेगिस्तान को दक्षिण के घास के मैदानों से अलग करता है। ग्लोरिया को कैद के दौरान काफी प्रताड़ना दी गई।
ग्लोरिया सेसिलिया नारवेज दक्षिणी माली में एक मिशनरी के रूप में काम कर रही थीं। जिहादियों को यह रास नहीं आ रहा था और उन्हें पकड़कर अपने साथ ले गए। हालांकि 5 साल बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
(माली के राष्ट्रपति कर्नल अस्सीमी गोइता के साथ ग्लोरिया)
माली सरकार से शनिवार को यह घोषणा करते हुए खुशी जताई कि सिस्टर ग्लोरिया को जिहादियों ने छोड़ दिया है। माली के राष्ट्रपति कर्नल अस्सीमी गोइता ने सिस्टर ग्लोरिया से मुलाकात करके उनकी बहादुरी को सराहा।
ग्लोरिया सेसिलिया नारवेज ( NUN Gloria Cecilia Narvaez) से आर्कबिशप बमाको जीन जर्बो ने भी मुलाकात की। वे सिस्टर से मिलकर भावुक हो उठे। आर्कबिशप ने सिस्टर के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया।
59 साल की सिस्टर ग्लोरिया बमाको से 400 किलोमीटर (250 मील) पूर्व में कौटियाला के पास से जिहादियों द्वारा किडनैप हुई थीं। वे तीन अन्य ननों के साथ करंगासो के पल्ली में 5 साल तक एक मिशनरी के रूप में काम कर चुकी थीं। ग्लोरिया की सहयोगी सिस्टर कारमेन इसाबेल वालेंसिया ने बताया कि वे अपनी साथी दो ननों को बचाने खुद जिहादियों के साथ जाने तैयार हो गई थीं।