पीएम मोदी ने हॉकी कप्तान और कोच से की बात, कहा- इतिहास लिखने के लिए आप सभी पर गर्व है

By Team MyNationFirst Published Aug 5, 2021, 7:48 PM IST
Highlights

Tokyo Olympics- भारतीय पुरुष हॉकी टीम कांस्य पदक मैच में जर्मनी से भिड़ते हुए ओलंपिक पदक के लिए 41 साल का इंतजार खत्म किया और भारत के लिए 1980 के बाद हॉकी में मेडल हासिल किया।

स्पोर्ट्स डेस्क: टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में गुरुवार को भारत और जर्मनी (India vs Germany) के बीच हुए कांस्य पदक मुकाबले में भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराया और 41 साल का भारत का हॉकी में मेडल का सूखा खत्म किया। भारतीय हॉकी टीम ने आखिरी बार मास्को ओलंपिक खेल-1980 में गोल्ड मेडल जीता था। वहीं, आखिरी बार ब्रॉन्ज मेडल भारत ने म्यूनिख ओलंपिक खेल-1972 में अपने नाम किया था। आज भारत ने एक बार फिर इतिहास रचा और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

पीएम ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय हॉकी टीम की इस शानदार जीत पर बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- 'ऐतिहासिक! एक ऐसा दिन जो हर भारतीय की याद में रहेगा। कांस्य पदक जीतने के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई। इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने पूरे देश, खासकर हमारे युवाओं की कल्पनाओं को पूरा किया है। भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है।'

भारतीय टीम की जीत के बाद पीएम मोदी ने पुरुष हॉकी कप्तान मनप्रीत सिंह, हेड कोच ग्राहम रीड और सहायक कोच पीयूष दुबे से बात की। उन्होंने मैच  और कांस्य पदक जीतने के लिए टीम को बधाई दी। पीएम ने मनप्रीत सिंह से कहा- आपने इतिहास रचा है। उन्होंने कहा की कि आज मनप्रीत की आवाज तेज और स्पष्ट है, जबकि उस दिन (जब भारत बेल्जियम से हार गया था) थोड़ा मौन था। वहीं, मनप्रीत ने टीम को लगातार प्रोत्साहन देने के लिए पीएम को धन्यवाद दिया।

Historic! A day that will be etched in the memory of every Indian.

Congratulations to our Men’s Hockey Team for bringing home the Bronze. With this feat, they have captured the imagination of the entire nation, especially our youth. India is proud of our Hockey team. 🏑

— Narendra Modi (@narendramodi)

 

राष्ट्रपति ने दी बधाई
भारतीय हॉकी टीम के ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा- 'हमारी पुरुष हॉकी टीम को 41 साल बाद हॉकी में ओलंपिक पदक जीतने के लिए बधाई। टीम ने जीतने के लिए बेहतरीन स्किल्स, लचीलापन और दृढ़ संकल्प दिखाया। यह ऐतिहासिक जीत हॉकी में एक नए युग की शुरुआत करेगी और युवाओं को खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी'

Congratulations to our men's hockey team for winning an Olympic Medal in hockey after 41 years. The team showed exceptional skills, resilience & determination to win. This historic victory will start a new era in hockey and will inspire the youth to take up and excel in the sport

— President of India (@rashtrapatibhvn)

 

मैच का हाल
पहला क्वार्टर- भारत और जर्मनी के बीच खेले गए इस मैच में पहले क्वार्टर में जर्मनी ने शुरुआती मिनटों में ही गोल करते हुए भारत को 1-0 से पीछे छोड़ा। इसके बाद लगातार चार पेनाल्टी कार्नर जर्मनी को मिले, लेकिन भारतीय टीम ने शानदार बचाव किया।

दूसरा क्वार्टर- इसके बाद दूसरे क्वार्टर में भारत ने बराबरी की और स्कोर 1-1 किया। लेकिन 24वें और 25वें मिनट में भारत को करारा झटका लगा और जर्मनी ने बैक टू बैक दो गोल किए और स्कोर 3-1 कर दिया। हालांकि, भारत ने 3 मिनट के अंदर दो पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलकर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। पहले भारत के लिए 27वें मिनट में आए पेनाल्टी कॉर्नर पर हार्दिक सिंह ने कमाल कर दिया और गोल करते हुए बढ़त को 2-3 कर दिया। इसके बाद 29वें मिनट में हरमनप्रीत सिंह ने गोल में तब्दील करते हुए बराबरी दिला दी।

तीसरा क्वार्टर- इस राउंड की शुरुआत में ही भारत को 1 पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसे गोल में तब्दील करते हुए रुपिंदर पाल सिंह ने गोल करते हुए स्कोर 4-3 कर दिया। बता दें कि ये रुपिंदर का टोक्यो 2020 में चौथा गोल है। इसके बाद सिमरनजीत सिंह ने मैच के 34वें मिनट में शानदार गोल करते हुए स्कोर 5-3 कर दिया। तीसरे क्वार्टर के अंतिम पलों में दोनों ही टीमों को पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन कोई भी इसे गोल में तब्दील नहीं कर पाया और ये राउंड 5-3 पर खत्म हुआ।

चौथा क्वार्टर- इस राउंड की शुरुआत में जर्मनी के लिए मैच के 48वें मिनट में लुकास विंडफेडर ने पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल किया और स्कोर 4-5 पर कर दिया। हालांकि, भारतीय टीम ने अपना दबदबा मैच पर बनाए रखा और मैच को जीत लिया। इसके साथ ही भारत ने टोक्यो ओलंपिक में चौथा मेडल हासिल किया। 

भारतीय टीम
मनदीप सिंह, वरुण कुमार, सुरेंद्र कुमार, मनप्रीत सिंह, सुमित, सिमरनजीत सिंह, दिलप्रीत सिंह, शमशेर सिंह, हरमनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, नीलकांत शर्मा, रुपिंदर पाल सिंह, विवेक प्रसाद, श्रीजेश परत्तु रवींद्रन, गुरजंत सिंह, अमित रोहिदास।

जर्मनी टीम
पॉल-फिलिप कॉफ़मैन, अलेक्जेंडर स्टैडलर, निकलास वेलेन, जोहान्स ग्रोस, फ्लोरियन फुच्स, लुकास विंडफेडर, बेनेडिक्ट फुरकी, निकलास बोसेरहॉफ, टोबीस हौक, कॉन्स्टेंटिन स्टाइबो, मैट ग्रैम्बुश, टिम हर्ज़ब्रुक, मार्टिन हनेरो, तैमूर ओरुज़ू, क्रिस्टोफर रुहर, मार्टिन ज़्विकर। 

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