10 का दम: Tokyo Paralympics में इन 10 भारतीय खिलाड़ियों का जलवा, भारत का अबतक का रिकॉर्ड प्रदर्शन

By Team MyNation  |  First Published Sep 1, 2021, 6:39 PM IST

पैरालंपिक में अब तक भारत 10 मेडल अपने नाम कर चुका है। जिसमें 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल है। यह भारत का पैरालंपिक में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है।

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो पैरालंपिक 2020 (Tokyo Paralympics 2020) अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचता जा रहा है। 5 सितंबर 2021 को इसका आखरी दिन है। भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक और टोक्यो पैरालंपिक दोनों ही शानदार रहा। एक तरफ जहां ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल अपने नाम किए, तो पैरालंपिक में अब तक भारत 10 मेडल अपने नाम कर चुका है। जिसमें 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल है। यह भारत का पैरालंपिक में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। इससे पहले रियो में भारत ने 8 मेडल जीते थे। हालांकि अभी और मैच होना बाकी है और भारत को और पदकों की उम्मीद है। लेकिन आज हम आपको बताते हैं भारत का अब तक का टोक्यो पैरालंपिक का सफर और उन 10 खिलाड़ियों के नाम जिन्होंने इस खेल आयोजन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर मेडल अपने नाम किया है...

19 वर्षीय अवनि लखेरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल इवेंट में 149.6 के स्कोर के साथ गोल्ड मेडल जीता। इसी के साथ लखेरा ने पैरालंपिक का नया रिकॉर्ड बनाया है। बता दें कि 2012 में 11 साल की उम्र में एक बड़ी कार दुर्घटना के बाद उनकी कमर के नीचे लकवा मार गया था।

सुमित अंतिल देवेंद्र झाझरिया के बाद जेवलिन थ्रो में पैरालंपिक गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। साथ ही 22 साल के इस खिलाड़ी में टोक्यो में भारत दूसरा गोल्ड दिलाया है। बता दें कि 5 जनवरी 2015 को सुमित को हादसे में अपना एक पैर गंवाना पड़ा। लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया।

देवेंद्र झाझरिया ने पुरुषों की F46 जेवलिन थ्रो में 64.35 मीटर दूर भाला फेंककर सिल्वर मेडल जीता है। यह देवेंद्र का तीसरा पैरालंपिक मेडल है। इससे पहले उन्होंने एथेंस में 2004 के समर पैरालिंपिक में पहला गोल्ड जीता और रियो डी जनेरियो में 2016 के ओलंपिक में अपना दूसरा गोल्ड जीता था।

मरियप्पन थंगावेलु ने टोक्यो पैरालंपिक में हाई जंप के T63 इवेंट में सिल्वर मेडल जीता है। ये उनका दूसरा मेडल है इससे पहले उन्होंने रियो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। बता दें कि जब मरियप्‍पन 5 साल के थे, तब एक बस ने उनको इतनी जोर से टक्कर मारी की उनका एक पैर काटना पड़ा था।

योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता है। वह पुरुषों के डिस्कस थ्रो 56 फाइनल में दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने अपने छठे और आखिरी प्रयास में (44.38 मीटर, सीजन बेस्ट) अपना बेस्ट थ्रो किया और पदक पर कब्जा कर लिया। जब वह 8 साल के थे, तो उन्हें लकवा मार गया था। 

टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने टोक्यो में ऐतिहासिक सिल्वर मेडल जीता है। वह भारत के लिए पैरालंपिक में पदक जीतने वाली पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी हैं।  बता दें कि जब भाविना 12 महीने की थी, तो उन्हें पोलियो हो गया था, जिसके चलते उनके शरीर का आधा हिस्सा बेकार हो गया था।

निषाद कुमार ने पुरुषों की हाई जंप में सिल्वर मेडल जीता है। 21 वर्षीय एथलीट ने अपने दूसरे प्रयास में 2.06 मीटर की दूरी तय की। उन्होंने अमेरिकी एथलीट डलास वाइज के साथ सिल्वर मेडल शेयर किया। जब वह 8 साल के थे, तो अपने पिता के साथ खेत में काम करते वक्त घास काटने वाली मशीन में गलती से उनका हाथ चला गया था। जिसके चलते उन्होंने दाहिना हाथ खो दिया था। 

पुरुषों की F46 जेवलिन थ्रो में भारत को एक और पदक मिला है। सुंदर सिंह गुर्जर ने इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है। जबकि इसी प्रतियोगिता में देवेंद्र ने सिल्वर जीता था।

शरद कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक में हाई जंप 63 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। शरद ने 1.83 मीटर की छलांग लगाई। इससे पहले साल 2018 में एशियन पैरालंपिक  में 1.9 मीटर हाई जंप करके उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।

टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारतीय निशानेबाज सिंहराज अधाना ने 216.8 अंकों के साथ पी1 पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 फाइनल में कांस्य पदक जीता है। 

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