Vaccine Update : बूस्टर डोज देने का सही समय दूसरी डोज के 6 महीने बाद : भारत बायोटेक के सीएमडी

By Team MyNation  |  First Published Nov 11, 2021, 5:09 PM IST

वैक्सीन की दूसरी डोज के छह महीने बाद बूस्टर डोज लगाने का सही समय है। भारत बायोटेक के सीएमडी ने यह बात कही है।
 

नई दिल्ली। दुनियाभर में आबादी के कुछ हिस्सों को बूस्टर डोज देने की बात हो रही है। इस बीच भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा एल्ला (Krishna Ella) ने बताया है कि दूसरे डोज के छह महीने बाद बूस्टर डोज दी जानी चाहिए। हालांकि, उनका कहना है कि इस मामले में अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार और कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि बूस्टर डोज तत्काल जरूरी नहीं है। इससे पहले दोनों टीकाकरण कर पूरी लक्षित आबादी का वैक्सीनेशन (Vaccination) प्राथमिकता है। हालांकि, कुछ देशों ने अपनी बुजुर्ग आबादी के लिए बूस्टर खुराक शुरू की है। एल्ला ने यह बात टाइम्स नाऊ समिट 2021 में कहीं। 

नेजल वैक्सीन भी हो सकती है बूस्टर डोज

एल्ला ने बताया कि भारत बायोटेक नाक से दिए जाने वाली टीके को बूस्टर डोज के तौर पर लाने का भी विचार कर रही है। उनके मुताबिक पूरी दुनिया नेजल वैक्सीन चाहती है। संक्रमण रोकने का यही एकमात्र तरीका है। हर कोई इम्यूनोलॉजी (प्रतिरक्षा विज्ञान) का पता लगाने की कोशिश कर रहा है और सौभाग्य से, भारत बायोटेक ने इसका पता लगा लिया है। हम नाक से देने वाला टीका ला रहे हैं। हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या कोवैक्सीन की दूसरी खुराक को नाक से दिया जा सकता है, यह रणनीतिक रूप से, वैज्ञानिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दूसरी डोज को यदि आप नाक से देते हैं, तो आप संक्रमण को फैलने से रोकते हैं। उन्होंने संकेत दिए कि कोवैक्सीन के दूसरे डोज की जगह नेजल वैक्सीन भी दी जा सकती है।

जीका रोधी वैक्सीन बना ली, ट्रायल का एक चरण पूरा 

एल्ला ने कहा कि भारत बायोटेक ने जीका (Zika) वायरस रोधी टीका (Vaccine) बना लिया है। इसका पहला चरण पूरा हो गया है। सरकार को और अधिक ट्रायल करने होंगे, क्योंकि मामले अधिक हैं। उन्होंने कहा हम 2014 में जीका रोधी टीका बनाने वाली विश्व की पहली कंपनी थे। सबसे पहले हमने ही जीका रोधी टीके के वैश्विक पेटेंट के लिए आवेदन दिया था। 

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