विश्व कप क्रिकेट के फाइनल मुकाबले खत्म हो चुके हैं। लेकिन इस बार भी 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड अजेय रहा। इसके आस पास भी कोई नहीं पहुंच पाया। मास्टर ब्लास्टर सचिन ने 2003 में खेले गए विश्व कप में 61.18 की औसत से 673 रन बनाए थे।
लंदन: जिस समय 12वें आईसीसी क्रिकेट विश्व कप का मुकाबला चल रहा था। तब ऐसा लग रहा था कि पुराने सभी रिकॉर्ड टूट जाएंगे। लेकिन 'क्रिकेट के भगवान' माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड ध्वस्त करना इतना आसान भी नहीं है। इसके लिए हुनर के साथ साथ किस्मत का भी साथ चाहिए।
हालांकि एक बार तो ऐसा लग रहा था कि एक टूर्नामेन्ट में सचिन तेंदुलकर का सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड टूट जाएगा। रोहित शर्मा, डेविड वॉर्नर, केन विलियम्सन और जो रूट इस रिकॉर्ड तो तोड़ने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे थे।
लेकिन सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के हारने से रोहित शर्मा और डेविड वॉर्नर से उम्मीदें खत्म हो गई। इसके बाद फाइनल में न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन और इंग्लैंड के जो रूट के कम रन पर ही आउट होने के कारण यह दोनों भी सचिन के रिकॉर्ड से दूर ही रह गए। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर का 16 साल पुराना रिकॉर्ड अक्षुण्ण रहा।
सचिन ने 2003 में खेले गए विश्व कप में 673 रन बनाए थे। उन्होंने तब 11 मैचों की 11 पारियों में 61.18 की औसत से रन बनाए थे। उनके 673 रन में छह अर्धशतक और एक शतक शामिल था। यह किसी एक विश्व कप में सबसे अधिक रन का रिकॉर्ड है।