मध्यप्रदेश बीजेपी-कांग्रेस की जीत-हार पर सट्टा बाजार भी गरमाया हुआ है। राज्य की 230 सीटों पर 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। जनता का फैसला 11 दिसंबर को आएगा, लेकिन भोपाल के सटोरियों ने अभी से नई सरकार को लेकर पैसा लगाना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली--मध्य प्रदेश होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। एक तरफ जहां भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित स्टार प्रचारकों की फौज उतार रखी हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मध्य प्रदेश में 15 साल बाद वापसी के लिए पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। राहुल के अलावा कांग्रेस ने भी कमनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत तमाम प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है। इन सब के बीच मध्य प्रदेश की जनता खामोश हैं।
दूसरी तरफ टिकटों के वितरण के बाद बीजेपी-कांग्रेस की जीत-हार पर सट्टा बाजार भी गरमाया हुआ है। राज्य की 230 सीटों पर 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। जनता का फैसला 11 दिसंबर को आएगा, लेकिन भोपाल के सटोरियों ने अभी से सरकार बनानी शुरू कर दी है।
तीन भाजपा शासित राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। ओपिनियन पोल और यात्राओं का दौर शुरू हो चुका है। इस गर्मागरमी के बीच सट्टा बाजार में भी गहमागहमी शुरू हो गई है। पिछले चुनाव का आकलन करें तो सट्टा बाजार सही विजेता का अनुमान लगाने में सफल रहा था।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर सटोरियों की भी पैनी नजर है। इन दिनों सट्टा बाजार में बीजेपी और कांग्रेस को लेकर जमकर पैसा लगाया जा रहा है।
सटोरियों के अनुसार सट्टा बाजार में ज्यादा रिस्क उठाने वालों (अंडरडॉग में पैसा लगाने वालों) को मोटी रकम मिलती है। यह बाजार अनुमान पर आधारित होता है, इसलिए परिणाम आने से पूर्व तक खतरा मंडराता रहता है।
इस बार भाजपा पर मध्यप्रदेश में 10 हजार रुपये का दांव लगाने वाले को भाजपा की जीत पर जहां महज 11 हजार रुपये मिलेंगे, वहीं कांग्रेस पर दांव लगाने वालों को उसकी जीत पर 25 हजार रुपये मिलेंगे। मध्यप्रदेश कांग्रेस पर प्रॉफिट अधिक ऑफर किया जा रहा है क्योंकि सट्टेबाजों का कांग्रेस बड़े नेताओं की आपसी कलह के कारण वापसी पर उतना भरोसा नहीं हैं। इस इलेक्शन में कांग्रेस की वापसी का कोई चांस नहीं है। भाजपा पर बाजी लगाने वालों के लिए प्रॉफिट मार्जिन बहुत कम है, क्योंकि सट्टा बाजार को लगता है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत होगी।
वहीं बात करें प्रदेश के मुख्यमंत्री की पसंद की तो कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच मतभेद का फायदा वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिल रहा है। वह सटोरियों की नजर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। सटोरियों की माने तो शिवराज सिंह चौहान पर पैसा लगाना फायदे का सौदा है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया सटोरियों की दूसरी पसंद हैं।
सट्टा बाजार के बुकी का कहना है कि हम मध्यप्रदेश में भाजपा की वापसी को लेकर कॉन्फिडेंट हैं जबकि कांग्रेस के जीतने की संभावना बहुत कम है। भाजपा छत्तीसगढ़ में भी अपनी विजय पताका फहरायेगी। अब देखना यह है कि सट्टा बाजार सही साबित होता है या नहीं। 11 दिसंबर तक इंतजार कीजिए!