अयोध्या। आने वाली 22 जनवरी को अयोध्या के साथ ही देशभर में घर-घर दीवाली मनाई जाएगी। सरयू के तट से लेकर राम मंदिर और पूरी अयोध्या दीयों की रोशनी से जगमगाएंगे। खास बात ये भी होगी कि ये दीये भी सरयू नदी के तट से ली गई मिट्टी से ही बने होंगे। जहां श्रीराम की चरण रज का प्रताप आज भी फलित हो रहा है। 

घर से लेकर दुकानों तक पर हों रहे रोशन 
अयोध्या में राम जन्मभूमि उत्सव शुरू हो गया है। राम नगरी की आकर्षक सजावट की जा रही है। वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन तो मानों पूरी अयोध्या जगमगा उठेगी। घरों से लेकर दुकानों तक दीये की रोशनी से उसी तरह जगमगाएंगे जैसे 14 वर्ष वनवास के बाद श्रीराम के लौटने पर अयोध्या नगरी जगमगाई थी।

अयोध्या में सौ मंदिरों में जलाएं जाएंगे दीये
अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के लिए दीयों की रोशनी से पूरी राम नगरी प्रकाशमान होगी। अयोध्या के सौ मंदिरों को दीयों से जगमगाया जाएगा। जबकि सार्वजनिक स्थलों पर भी को दीयों की रोशनी से सजाया जाएगा। रामलला, राम की पैड़ी, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी के साथ प्रमुख चौराहों पर भी दीप जलाए जाएंगे। 2017 से शुरू हुई परंपरा में पहले 1.71 लाख दीये जलाए गए थे। इसके बाद से लगातार दीपोत्सव मनाया जा रहा है। 2023 में दीपों की संख्या 22.23 लाख तक पहुंच गई थी। अब राम मंदिर उदघाटन के दिन तो पूरी अयोध्या दीयों की रोशनी से रोशन होगी।

कुम्हारों के बिजनेस में अचानक आया उछाल
अयोध्या में यूं तो कुम्हारों का कारोबार ठीकठाक रहता है। लेकिन राम मंदिर उद्घाटन उत्सव शुरू होने से दीये की मांग काफी बढ़ गई है। स्थानीय कुम्हारों का कहना है कि पहले के मुकाबले दो गुना से अधिक दीये बनाने पड़ रहे हैं। लोग खुद आकर ऑर्डर दे जा रहे हैं इसलिए घर के सब लोग मिलकर दीये बना रहे हैं। सौ रुपये के सौ दीये बेचे जा रहे हैं। मंदिरों समितियों की ओर से हजार-हजार दीये के लिए आर्डर मिले हैं।