तुझसे नाराज नहीं जिंदगी ‘गुलज़ार’ है, हैप्पी बर्थडे सपूर्ण सिंह कालरा

By Team MynationFirst Published Aug 18, 2018, 4:21 PM IST
Highlights

घी में चुपड़ी मक्के की रोटी के साथ गुड़ जैसे अल्फाज, जो चांद को ठहरा दें। वो बर्फ के फाहों जैसे तैरते हुए बोल जो किसी कल्पना लोक में ले जाएं। फरवरी की धूप में अधखुली आंखों में बुने ख्वाबों को जो शब्द दे दे, उसे गुलज़ार कहते हैं।

बचपन वाले संपूर्ण सिंह कालरा आज 84 साल के गुलज़ार हैं। विभाजने से पहले के भारत के झेलम जिले में 18 अगस्त, 1934 को इनका जन्म हुआ था। ये इलाका अब पाकिस्तान में है। बचपन से जीवन के तमाम झंझावातों को देखने वाले गुलजार आज कलम से कायनात रोमांचित कर देते हैं। कई फिल्मफेयर और ग्रैमी अवार्ड हासिल कर चुके गुलजार के नग्मों को माय नेशन आपके लिए पिरो रहा है।

मेरा कुछ सामान:

रोज-रोज आंखों तले:

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी:

तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा नहीं:

आने वाला पल जाने वाला है:

हुजूर इस कदर भी ना इतरा के:

ऐ जिंदगी गले लगा ले:

छई छप छई, छपाक छई:

चुपके से लग जा गले:

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