यह फिल्में हैं खास, देश के लिए हुए कुर्बान वीर जवानों की याद में

By Neha Dogra  |  First Published Aug 14, 2018, 9:48 AM IST

मुश्किल हालातो में देश के लिए शहिद हुए जवानो की कुर्वानी को कोई नहीं चुका सकता और न ही भुल सकता, हमे गर्व है कि हमारे देश को ऐसे बहादुर जवान मिले थे जिन्होंने देश के खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी थी। तो चलिए आज हम बात करेंगे बॉलीवुड की उन फिल्मों की जो हमारे वीर जवानो पर आधारित है

मुश्किल हालातो में देश के लिए शहिद हुए जवानो की कुर्वानी को कोई नहीं चुका सकता और न ही भुल सकता, हमे गर्व है कि हमारे देश को ऐसे बहादुर जवान मिले थे जिसने देश के खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी थी। तो चलिए आज हम बात करेंगे बॉलीवुड की उन फिल्मों की जो हमारे वीर जवानो पर आधारित है। वह फिल्में जिसे देखकर थियेटर से रो-रोकर निकले थे लोग।

फिल्मों को हकीकत का आइना कहा जाता है। भारतीय सिनेमा में कई फिल्में ऐसी रही हैं जिन्होंने सच्ची कहानियों को बड़ी खूबसूरती से पर्दे पर दर्शाया गया है। ऐसी फिल्में आज भी बनाई जाता है जो सच से रुह-बरु करवाती है। तो अब बात करते ऐसी कामयाब फिल्मों की जिन्होंने बेहन खुबसूरत तरीके से सच्चाई को दर्शाया गया है।  

साल 1964 में धर्मेंद्र और बलराज साहनी की फिल्म रिलीज हुई थी जिसका नाम था “हकीकत’’। इस फिल्म में 1962 के भारत और चीन के बीच हुए युद्ध की कहानी दर्शायी गयी थी। जिसको देख कर लोग काफी भावुक हो गये थे। फिल्म की कहानी और संगीत दिलों को छू लेने वाला थी। देशभक्ति से ओतप्रोत यह फिल्म चीन के साथ भारत की जंग की उस कहानी को बताती है जब जवानों ने बिना भूख-प्यास, परिवार, दर्द और तकलीफों की परवाह किए अपनी जान देश पर न्यौछावर कर दी। 

इसके बाद आई “बॉर्डर” फिल्म, यह फिल्म 1997 में आई थी।1971 में हुए भारत-पाक के बीच हुए युद्ध को दर्शाया गया है। उस समय लड़े गए लोंगेवाला के युद्ध को विस्तार से समझाया व दिखाया गया है। 1971 में हुआ यह युद्ध राजस्थान के लोंगेवाला में हुआ था। लोंगेवाला पोस्ट पर 120 भारतीय जवान सारी रात पाकिस्तान की टैंक रेजिमेंट का सामना करते रहे थे।

“कारगिल” यह फिल्म सन 2003 में बनी थी। कारगिल युद्ध, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है। जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी।

लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था।

ऐसी बहुत सी और कई फिल्में हैं जिसको देख कर आपकी आंखो में आंसु आ जाएंगे और देश के लिए कुर्बान जवानो पर गर्व महसुस करेंगे। 


 

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