लव का केमिकल लोचा: जानिए क्यों होता है प्यार

By Team MyNation  |  First Published Feb 14, 2019, 2:11 PM IST

लव से लेकर शादी तक, जब आप किसी को चाहते हैं तो आप अपने आप में कुछ अलग महशूस करते है। विज्ञान रिसर्च के मुताबिक प्यार में पड़ने के लिए कई हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। लेकिन कौन सा हार्मोन किस भावना को प्रेरित करता है? यह जानना आवश्यक है तो चलिए जानते हैं :-
 

लव से लेकर शादी तक, जब आप किसी को चाहते हैं तो आप अपने आप में कुछ अलग महशूस करते है। आपके दिन अच्छे बीतते हैं और आपके चेहरे पर मुस्कुराहट और दिल में गुदगुदी बरकरार रहती है। ठीक उसी तरह आपका शरीर भी उसी तरह से प्रतिक्रिया करता है। ह्यूमन बॉडी से निकलने वाले रसायन (हार्मोन) आपके प्यार को अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।   

विज्ञान रिसर्च के मुताबिक प्यार में पड़ने के लिए कई हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। लेकिन कौन सा हार्मोन किस भावना को प्रेरित करता है? यह जानना आवश्यक है तो चलिए जानते हैं :-

प्यार का नशा
एक दूसरे के प्रति प्रबल आकर्षण के दौरान डोपामीन यानि खुशी के हार्मोन का असर होता है। यही वजह है कि प्रेम में पड़े लोग एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहते हैं।

प्यार मे पागलपन  
सेरोटोनिन हार्मोन मूड और भावनाओं के संतुलन के लिए जरूरी है। जब प्रेमियों का सेरोटोनिन स्तर सामान्य से कम होता है तो वे किसी और चीज के बारे में सोचते भी नहीं हैं।

पेट में गुदगुदी
प्रेमी की आहट पर दिल का जोर जोर से धड़कना और घबराहट का एहसास एड्रीनेलिन हार्मोन का काम है। शुरुआत में इसका ज्यादा स्राव होता है। एड्रीनेलिन से भूख घट जाती है और शरीर ज्यादा सतर्क हो जाता है।

वफादारी 
शुरुआती 3-4 महीने गुजर जाने के बाद ऑक्सीटोसिन हार्मोन खास भूमिका निभाने लगता है। इस हार्मोन के उच्च स्राव के दौरान दोनों प्रेमियों के संपर्क में रहने पर उनके बीच संबंध प्रगाढ़ होने लगता है। जब मां बच्चे को दूध पिलाती है तब भी उसमें ऑक्सीटोसिन की मात्रा बढ़ी हुई होती है, जो रिश्ते को और गहरा बनाती है।

गंध का योगदान
लेकिन हम किसी के प्यार में पड़ते ही क्यों हैं? वैज्ञानिलो के अनुसार इसमें गंध का बहुत बड़ा हाथ है। हमारे माता पिता से मिलती जुलती गंध वाले लोगों से हम जल्दी प्यार में पड़ते हैं।
 

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