‘स्त्री’, हकीकत की भूतनी अब फिल्मों में

 |  First Published Aug 7, 2018, 6:43 PM IST

यह कहानी बैंगलोर के एक गांव की हैं, बैंगलोर में एक औरत आधी रात में लोगों के घरों का दरवाज़ा...

बॉलीवुड में यूं तो काफी हॉरर फिल्में आई है लेकिन मज़ाकिया और डरावनी फिल्म शायद ही एक साथ कभी बनी होगी। फिल्म में श्रद्धा कपूर और राजकुमार राओ हैं जो कि फिल्म में मुख्य भुमिका निभा रहे हैं। यह फिल्म 31 अगस्त को रिलीज होगी।

श्रद्धा और राजकुमार ने इस फिल्म के शूट का एक्सपिरियंस भी बताया था कि फिल्म को शूट करते वक्त उन्हें पेरानोरमल एक्टिविटी का आभास हुआ था। जैसे कि शूट करते वक्त बल्ब का दो बार फुट जाना और तेज़ हवाएं चलना। उनका कहना है  कि शूटिंग करते वक्त काफी दिकतों का सामना करना पड़ा था। 

बता दें स्त्री फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है, यह कहानी बैंगलोर के एक गांव की हैं। बैंगलोर में एक औरत आधी रात में लोगों के घरों का दरवाज़ा खटकाती थी और दरवाज़ा खटकाते वक्त उसी घर के किसी सदस्य की आवाज़ में दरवाज़ा खोलने को कहती थी। दरवाज़ा खोलते ही चुड़ैल उस शख्स की जान ले लेती थी। गांव के लोगों ने उस चुड़ैल से बचने के लिए एक उपाय ढूंढ लिया था। सभी ने अपने दरवाज़ो पर कन्नड भाषा में ‘कल आना’ लिखवा लिया। दरअसल हुआ यह था की एक रात जब एक महिला के घर के बहार वह चुड़ैल आई तो उस चुड़ैल ने उस महिले के पत्ती की अवाज़ में उसे बुलाना शुरु कर दिया था जबकी उसका पत्ती उसके साथ ही लेटा हुआ था। उसने घबरा कर उसे कन्नड भाषा में ‘कल आना’  कह दिया और यह कहते ही वह चुडैल बहार से चली गयी और आवाज़ आना भी बंद हो गयी थी। यह घटना 1990 की है जब बैंगलोर में और वहां के लोगों में यह दैहशत फैली हुई थी। 
   

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