सिक्किम में बादल फटने से आई बाढ़ ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया। 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 82 लोग लापता हैं जिसमें सेना के जवान भी शामिल हैं ऐसे में भारत की सबसे खतरनाक झीलों का जिक्र हो रहा है। आज हम आपको एक ऐसे ही झील के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम तो काफी सुंदर है लेकिन असलयित डराने वाली।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं, उत्तराखंड में स्थित रूपकुंड झील की। जिसे इंसानों की नहीं बल्कि कंकालों की झील कहा जाता है। झील के अंदर मौजूद नरकंकाल किसी के मन में भी सिरहन पैदा कर सकते हैं।
समुद्र तल से लगभग 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित रूपकुंड झील हमेशा बर्फ से ढकी रहती है। झील के पास नरकंकाल,अस्थियां, गहने, और चप्पल पाई गईं हैं। जिसके बाद इसे कंकाल झील के नाम से जाना जाता है।
स्थानीय लोगों की मानें तो रूपकुंड झील में 200 से ज्यादा कंकाल हैं। लोगों का मानना है ये पहले कब्रगाह थी लेकिन ग्लेशियर के पिघलने से झील बन गई। वहीं वैज्ञानिकों का मानना है, पाए गए अवशेष 400 साल से ज्यादा पुरानी है।
रूपकुंड झीले के बारे में सबसे पहले ब्रिटिष यात्री को पता चला था। उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान (world war-2) के दौरान घायल हुए सैनिकों को यहां देखा था। वहीं कुछ लोगों का मानना है ये अवशेष तिब्बती सैनिकों के हैं जो खराब मौसम की चपेट में आकर मौत का शिकार हो गए।
उत्तराखंड की नंदा देवी घूमने वाले पर्यटकों के लिए रूपकुंड झील आकर्षण की जगह है। लोग यहं नरकंकाल को देखने आते हैं।