लखनऊ के डालीगंज में गोमती नदी के तट पर बने महादेव मंदिर जिसे मनकामेश्वर मंदिर भी कहते हैं में शिव भक्तों की बहुत आस्था है। शिवरात्रि के दिन यहां एक दिन पहले से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है। वहीं मंदिर को शिवरात्रि में दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है की माता सीता को वनवास छोड़ने के बाद लक्ष्मण ने यहीं रुक कर भगवान शंकर की आराधना की थी, जिससे उनके मन को बहुत शांति मिली थी। उसके बाद यहाँ मनकामेश्वर मंदिर की स्थापना की गई थी।
बताया जाता है कि इस मंदिर में जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह पूरी जरूर होती है इसीलिए इसका नाम मनकामेश्वर रख दिया गया अक्सर लोगों ने बताया कि यहां लोग विवाह और संतान प्राप्ति की मनोकामना करते हैं और वह जरूर पूरी होती है शिवरात्रि के दिन आरती का यहां पर विशेष महत्व है। आरती में शामिल होकर जो भी कामना की जाती है वह जरूर पूरी होती है।
इस मंदिर की महंत एक महिला महंत है जिनका नाम है देवयागिरी मंदिर के महंत केसव गिरी के ब्रह्मलीन होने के बाद देवयानी को यहां का महंत बनाया गया था लखनऊ में वह इकलौती एक महिला महंत है।