ISRO साइंटिस्ट की नौकरी ठुकराई, पहले अटेम्ट में ही UPSC क्लीयर कर बनीं IPS! Shocking है वजह

Success Story: ISRO की प्रतिष्ठित नौकरी ठुकराकर तृप्ति भट्ट बनीं IPS अधिकारी। जानिए उनके संघर्ष, UPSC सफर और प्रेरणादायक सफलता की कहानी।

ISRO को ठुकराया, UPSC को अपनाया!

Inspirational Story: तृप्ति भट्ट ने एक असाधारण निर्णय लेकर ISRO की प्रतिष्ठित नौकरी को छोड़कर IPS अधिकारी बनने का सफर तय किया। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास की और ऑल इंडिया रैंक 165 हासिल कर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) को चुना। आज, वह उत्तराखंड में 40वीं बटालियन PAC में कमांडेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी यह कहानी हर UPSC अभ्यर्थी और करियर के प्रति संघर्ष कर रहे युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।

IPS Trupti Bhatt का प्रारंभिक जीवन और एजूकेशन

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मी तृप्ति भट्ट शिक्षा में बचपन से ही उत्कृष्ट थीं। उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और कई बड़ी कंपनियों जैसे टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, और मारुति सुजुकी में नौकरी के प्रस्ताव प्राप्त किए।

NTPC में सहायक प्रबंधक के रूप में किया काम

हालांकि, उन्होंने NTPC में सहायक प्रबंधक के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन जल्द ही एहसास हुआ कि उनकी असली रुचि सार्वजनिक सेवा में है। तृप्ति भट्ट का कहना है कि "मैं इसरो में तकनीकी उन्नति पर काम कर सकती थी, लेकिन मेरा दिल लोगों के साथ काम करने और जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में था।" उन्होंने नौकरी के साथ-साथ UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और अपने पहले प्रयास में ही 2013 में सफलता हासिल कर ली।

क्यों चुना IPS? IAS के बजाय पुलिस सेवा!

IPS का चुनाव करना तृप्ति भट्ट के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय था। कई सफल UPSC अभ्यर्थी IAS का चयन करते हैं, लेकिन तृप्ति IPS से प्रभावित थीं क्योंकि:
1. सीधे जनता के साथ काम करने का मौका
2. कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की चुनौती
3. ग्राउंड-लेवल पर त्वरित बदलाव लाने का अवसर
उनका होम कैडर उत्तराखंड था, जिससे वह अपने राज्य की सेवा करने के लिए और अधिक प्रेरित हुईं।

यह भी पढ़ें... Inspirational Story: मां के सपनों से IAS बनीं इस महिला की निडरता ने करप्शन के गाल पर सरेआम जड़ा तमाचा!

कठिन IPS ट्रेनिंग – मेंटल और फिजिकल एग्जाम!

हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (NPA) में IPS प्रशिक्षण बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन तृप्ति भट्ट ने इसे पूरी दृढ़ता से पूरा किया।
1. 42 किमी की क्रॉस-कंट्री मैराथन पूरी की
2. शारीरिक और मानसिक फिटनेस में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया
3. कानून, फोरेंसिक, अपराध विज्ञान में गहरी समझ विकसित की
यह कठिन ट्रेनिंग उन्हें एक बेहतरीन पुलिस अधिकारी बनने में मददगार साबित हुई।

UPSC अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

तृप्ति भट्ट ने UPSC की तैयारी के दौरान समसामयिक घटनाओं पर खास ध्यान दिया।
1. समाचार पत्र, संपादकीय, और पत्रिकाएँ नियमित पढ़ें
2. स्वयं के नोट्स तैयार करें
3. UPSCके पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें
तृप्ति भट्ट के अनुसार "समसामयिक घटनाएँ सिर्फ एक विषय नहीं हैं, बल्कि पूरे UPSC सिलेबस का अहम हिस्सा हैं।" 

सिविल सेवाओं में महिलाओं की भूमिका और तृप्ति की सीख

उत्तराखंड जैसे राज्य में, जहां सामाजिक रूढ़ियां अब भी मौजूद हैं, तृप्ति भट्ट ने IPS अधिकारी बनकर यह साबित किया कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के समान उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।
1. परिवार का समर्थन सबसे महत्वपूर्ण होता है
2. लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें और समाज की बाधाओं को नकारें
3. अपने सपनों को प्राथमिकता दें, न कि सामाजिक अपेक्षाओं को
तृप्ति के अनुसार  "मैं भाग्यशाली थी कि मुझे परिवार और शिक्षकों का पूरा समर्थन मिला। सिविल सेवा में महिलाओं के लिए चुनौतियां हैं, लेकिन उन्हें हर हाल में अपने सपनों को पूरा करना चाहिए।"

IPS अधिकारी के रूप में उनके कार्य और उपलब्धियां

अपराध की रोकथाम और सुरक्षा को मजबूत करना
1. आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में सक्रिय भागीदारी
2. सामुदायिक सुरक्षा पहल को बढ़ावा देना
तृप्ति भट्टका कहना है कि  "एक IPS अधिकारी बनना सिर्फ़ एक पद हासिल करना नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।" तृप्ति भट्ट की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता सामाजिक अपेक्षाओं के अनुसार नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जुनून और संकल्प से तय होती है।
1.  ISRO की नौकरी छोड़कर IPS अधिकारी बनने का साहसिक निर्णय
2. UPSC में पहले प्रयास में सफलता
3. समाज और देश की सेवा के लिए समर्पण

यह भी पढ़ें... रहस्य, सस्पेंस और जासूसी! मिलिए भारत की पहली 'लेडी जेम्स बॉन्ड' से, जिसने सुलझाए 75,000 केस!

click me!