CJI को यौन उत्पीड़न मामले में क्लीन चिट पर हुआ प्रदर्शन Women activists protest

First Published May 7, 2019, 2:01 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला कार्यकर्ता और वकीलो ने जमकर विरोध किया है। विरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला कार्यकर्ता और वकीलो ने जमकर विरोध किया है। विरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों के कहना है कि महिला के सम्मान और न्याय के लिए यह लड़ाई है।
undefined
सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने महिला को न्याय दिलाने के लिए नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि कथित पीड़ित के बयान को गंभीरता से नहीं लिया गया। एक प्रदर्शनकारी महिला वाणी सुब्रमण्यम ने कहा कि न्याय का पैमाना सबके लिए समान होता है और यह उसी की लड़ाई है।
undefined
बता दें कि यह प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप से निपटने के लिए अपनाएं गए तरीके के खिलाफ किया जा रहा है। खास बात यह है कि सीपीएम नेता डी राजा ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई सुन रहे थे उसी समय एनी राजा बाहर प्रोटेस्ट कर रही थी।
undefined
तीन जजों वाली आंतरिक कमेटी के एक स्वर में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को निर्दोष पाया और शिकायतकर्ता की शिकायत को खारिज कर दिया। पैनल ने अपने निष्कर्ष में कहा कि 19 अप्रैल से पहले जब शिकायतकर्ता ने 22 जजों संबंधी आरोप नहीं लगाए जबकि दिसंबर 2018 में अनुशासनात्मक करवाई को चुनौती देते समय उनके पास ये मौका था।
undefined
महिला द्वारा जांच से हटने के बाद एकपक्षीय सुनवाई करके तैयार यह रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं कि गई है। कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने एक संक्षिप्त नोटिस जारी कर कहा कि आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की कोई बाध्यता नहीं है।
undefined
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2003 में इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट केस में दी गई व्यवस्था का हवाला दिया गया है। कोर्ट में दूसरे सबसे सीनियर जज एस ए बोबडे कमेटी के अध्यक्ष थे। जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी सदस्य थी। शिकायतकर्ता कमेटी की तीन सुनवाई में पेश हुई थी।
undefined
click me!