ITR Filing 2024: 31 जुलाई की डेडलाइन के बाद भी रिफंड क्लेम कैसे करें? ये है 3 बेस्ट रूल
ITR filing 2024: 31 जुलाई की समय सीमा के बाद भी आईटीआर रिफंड कैसे प्राप्त करें? जानें पात्रता, रिफंड क्लेम की प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में।
ITR filing 2024: 31 जुलाई की समय सीमा के बाद भी आईटीआर रिफंड कैसे प्राप्त करें? जानें पात्रता, रिफंड क्लेम की प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में।
ITR filing 2024: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की लास्ट टाइम लिमिट 31 जुलाई थी। शुक्रवार को फाईनेंस मिनिस्ट्री की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस डेट तक वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.28 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए गए, जो वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दाखिल किए गए 6.77 करोड़ रिटर्न की तुलना में 7.5% ज्यादा है। टैक्स पेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर अनवेरीफाईड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को वेरीफाई करें।
जो लोग अपना ITR दाखिल करने की टाइम लिमिट से चूक गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द अपना सबमिशन पूरा करना चाहिए। लाइवमिंट के साथ बातचीत में, मुंबई स्थित टैक्स और इन्वेस्ट एक्सपर्ट बलवंत जैन ने इनकम टैक्स एक्ट के तहत इनकम टैक्स रिफंड के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
सभी टैक्स पेयर्स टैक्स रिफंड के लिए पात्र नहीं हैं। केवल वे ही पात्र हैं जो इसे प्राप्त करेंगे। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रिफंड प्रोसेसिंग केवल टैक्स पेयर्स द्वारा अपने रिटर्न को ई-वेरीफाई करने के बाद ही शुरू होती है। आम तौर पर टैक्स पेयर्स के एकाउंट में रिफंड जमा होने में 4 से 5 सप्ताह लगते हैं। यह प्रोसेसिंग समय उस दिन से शुरू होता है जिस दिन रिटर्न वेरीफाई किया जाता है, न कि 31 जुलाई की टाइम लिमिट से।
एक टैक्स पेयर्स इनकम टैक्स रिफंड के लिए पात्र होता है, जब पेमेंट किए गए टैक्स उसकी टैक्स लायबिलिटी से अधिक होती हैं। मुंबई स्थित टैक्स और इन्वेस्ट एक्सपर्ट बलवंत जैन ने बताया कि इसमें सोर्श पर काटे गए टैक्स (TDS), सोर्श पर एकत्र किए गए टैक्स (TCS) के साथ-साथ टैक्स पेयर्स द्वारा चुकाए गए एडवांस टैक्स और सेल्फ असिस्मेंट टैक्स शामिल हैं। उन्होंने आगे सलाह दी कि चूंकि इनकम टैक्स रिफंड सीधे टैक्स पेयर्स के बैंक एकाउंट में जमा किए जाते हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ITR दाखिल करते समय बैंक एकाउंट का डिटेल सही ढंग से मान्य हो।
यदि आप अपना आईटीआर दाखिल करने की 31 जुलाई की समय सीमा चूक गए हैं, तो भी आप सर्कुलर नंबर 9/2015 के अनुसार, छह मूल्यांकन वर्षों तक अपने रिफंड का क्लेम कर सकते हैं, बशर्ते आप कुछ शर्तों को पूरा करते हों, बलवंत जैन कहते हैं। इस सर्कुलर के तहत रिफंड का दावा करने के लिए, आपको पहले देरी की माफी के लिए अप्लाई करना होगा। जैन बताते हैं कि एक बार स्वीकृति मिलने के बाद आप पिछले छह वर्षों के लिए अपना ITR ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं, जिसमें माफ़ी देने वाले आदेश का रेफरेंस दिया गया है।
इनकम टैक्स लॉ डिपार्टमेंट को पिछले वर्षों की किसी भी बकाया मांग के विरुद्ध आपके रिफ़ंड को समायोजित करने की अनुमति देता है। हालांकि, उन्हें ऐसे अडजेस्टमेंट करने से पहले सूचित करना चाहिए, जिसका हमेशा पालन नहीं किया जाता है।
यदि आपका रिफ़ंड गलत तरीके से अडजेस्टमेंट किया गया है, तो आप अपने एकाउंट में लॉग इन करके इनकम टैक्स की वेबसाइट पर कंप्लेन दर्ज करा सकते हैं। जबकि विभाग पिछली मांगों के लिए रिफ़ंड को अडजेस्टमेंट कर सकता है। टैक्स पेयर्स पिछले वर्षों के रिफ़ंड का यूज बाद के वर्षों के लिए बकाया टैक्सों को कवर करने के लिए नहीं कर सकते हैं।