डायबिटीज को प्रमुख तौर पर 6 टेस्ट के जरिए मापा जा सकता है। लोग अपनी सहूलियत के अनुसार इसका टेस्ट कराते हैं। आइए जानते हैं कि डायबिटीज टेस्ट के वह 6 तरीके कौन-कौन से हैं?
Ways Of Testing Diabetes: डायबिटीज एक गंभीर मेटाबॉलिक बीमारी है जिसमें शरीर का ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है। यह स्थिति हाइपरग्लाइसेमिया कहलाती है और समय के साथ यह दिल, आंखों, किडनी और नर्व्स को नुकसान पहुंचा सकती है।
कितने तरह का होता है डायबिटीज?
डायबिटीज प्रमुख तौर पर तीन तरह का होता है। टाइप 1 डायबिटीज–जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता। टाइप 2 डायबिटीज–जिसमें शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है। जेस्टेशनल डायबिटीज–गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड शुगर का लेवल।
डायबिटीज के सामान्य लक्षण क्या हैं?
डायबिटीज के लक्षणों की पहचान के लिए समय पर टेस्ट कराना बेहद जरूरी है, क्योंकि अगर डायबिटीज का समय पर पता न चले, तो यह हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। हम यहां डायबिटीज के कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।
अत्यधिक प्यास लगना।
बार-बार पेशाब जाना।
धुंधली दृष्टि।
थकान महसूस होना।
वजन में अचानक कमी।
इन 6 टेस्ट से पता लगा सकते हैं डायबिटीज
मशहूर पैथोलॉजिस्ट डॉ. रेंजी जैकब के अनुसार, ये 6 टेस्ट डायबिटीज की पहचान में मदद करते हैं।
1. एवनसी (A1C) टेस्ट
यह टेस्ट पिछले 3 महीनों के औसत ब्लड शुगर स्तर को मापता है। फास्टिंग की जरूरत नहीं होती। 6.5% या उससे अधिक में डायबिटीज। 5.7%- 6.4% पर प्रीडायबिटीज और 5.7% से कम पर सामान्य माना जाता है।
2. फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (FPG) टेस्ट
यह टेस्ट ब्लड शुगर को मापता है, जब व्यक्ति ने 8 घंटे तक कुछ नहीं खाया हो। यह टेस्ट सुबह खाली पेट किया जाता है। 126mg/dl या उससे अधिक पर डायबिटीज। 100-125mg/dl पर प्रीडायबिटीज। 99mg/dl या कम पर सामान्य माना जाता है।
3. रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट
यह टेस्ट किसी भी समय बिना फास्टिंग के किया जाता है। 200mg/dl या उससे अधिक पर डायबिटीज।
4. ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (OGTT)
इस टेस्ट में मरीज को मीठा घोल पीने के बाद 2-3 घंटे तक ब्लड शुगर मापा जाता है। यह विश्लेषण किया जाता है कि बॉडी शुगर को कैसे प्रोसेस करती है। 200mg/dl या उससे अधिक पर डायबिटीज। 140-199mg/dl पर प्रीडायबिटीज और 140mg/dl से कम पर सामान्य।
5. प्वाइंट ऑफ केयर टेस्ट (POCT)
यह एक पोर्टेबल डिवाइस है, जो किसी भी समय ब्लड शुगर की जांच करने में मदद करता है। इसके नतीजे तुरंत मिल जाते हैं। इसके जरिए मरीज अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी कर सकता है।
6. रीयल-टाइम कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटर (CGM)
यह नई तकनीक त्वचा के नीचे लगाए गए सेंसर की मदद से दिनभर ब्लड शुगर स्तर को मापती है। हर टेक्नोलॉजी हर समय ब्लड शुगर पर नजर रखती है और डायबिटीज को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद करती है।
ये भी पढें-शादी के बाद कब तक बन सकता है मैरिज सर्टिफिकेट? जानें पूरी डिटेल