Navratri 2024: नहीं देखा होगा मां भवानी का ऐसा धाम,बलि रहस्य जान हो जाएंगे हैरान

By Anshika Tiwari  |  First Published Apr 1, 2024, 6:48 PM IST

Mundeshwari Devi Bihar: नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होने वाली है। इस दौरान भक्त माता रानी के दर्शन करने बड़े-बड़े मंदिर जाते हैं। आज हम आपके लिए मां भवानी का ऐसा रहस्यमयी मंदिर लेकर आए हैं। जहां बिना रक्त बहाए बकरे की बलि दी जाती है। 

Navratri 2024: जल्द ही माता रानी की विशेष पूजा के 9 दिन यानी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने वाली हैं। (Chaitra Navratri) इस बार नवरात्र 9  से 17 अप्रैल तक रहेंगे। हालांकि इस बार नवरात्रि पर खरमास रहेगा जो 13 तारीख को खत्म होगा। नवरात्रि के मौके पर मंदिरों में भारी भीड़ जुटती है। श्रद्धालु मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं। अगर आप भी हर साल नवरात्रि पर मंदिर जाते हैं तो आज हम आपके लिए माता का खास मंदिर लेकर आए हैं यहां पर मां को प्रसन्न करने के लिए बकरे की बलि दी जाती है वो भी बिना रक्त बहाए। इस चमत्कारिक मंदिर में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है। तो चलिए जानते हैं आखिर ये मंदिर कहां स्थित और आप कैसे जा सकते हैं? 


नवरात्रि पर करें माता मुंडेश्वरी धाम के दर्शन (Maa Mundeshwari Temple)

दरअसल,ये मंदिर और कोई नहीं बल्कि चमत्कारिक माता मुंडेश्वरी धाम (Mundeshwari Devi Bihar) है। जो बिहार के कैमूर जिले में पहाड़ों और जंगलों से घिरी हुई पंवरा पहाड़ी के स्थित है। मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां पर माता को प्रसन्न करने के लिए बिना रक्त बहाए बकरे की बलि दी जाती है। ये ऐसा रहस्य है जिसका पता आज कोई नहीं लगा सकता है। वहीं इस मंदिर में पंचमुखी शिव जी की मूर्ति है जो दिन में 3 बार रंग बदलती है। ये मंदिर लगभघ 389 में बनाया गया था। 

माता मुंडेश्वरी मंदिर का रहस्य (Mundeshwari Temple Mystery)

माता मुंडेश्वरी मंदिर जितना प्रचीन है उतना रहस्य भरा भी। कहा जाता है इस जगह पर चंड-मुंड नाम के दो असुरों ने उत्पात मचा रखा था। एक दिन दोनों के कर्मों को देख मां भवानी क्रोधित हो उठीं और उन्होंने चंड का वध कर दिया। जिसके बाद मुंड इसी पहाड़ी पर छिप गया था लेकिन माता ने इसी पहाड़ी पर उसका सर्वनाश किया था। तभी से यहां माता मुंडेश्वरी का वास है। 

मन्नत पूरी होने पर बकरे की बलि

मुंडेश्वरी मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य बिन रक्त बहाए अनोखे तरह बकरे की बलि देना है। कहा जाता है मन्नत पूरी होने पर भक्त प्रसाद के रूप में माता रानी को बकरा अर्पित करते हैं। तब मंदिर के पुजारी माता के चरणों के चावल बकरे पर डालते हैं और वह बेहोश हो जाता है। इस दौरान वह मंत्रोच्चारण करते हैं। कुछ समय बाद वह दोबारा बकरे पर चावल डालते हैं जिसके बाद बकरा होश में आ जाता है और माता बलि स्वीकार कर लेती हैं। कहा जाता है कि मां भवानी ये संदेश देती है कि वह जीवों के रक्त की प्यासी नहीं है और जंतुओं पर दया करना हमारा कर्तव्य है। आप भी देखें वीडियो-

माता मुंडेश्वरी मंदिर, बिहार

इस मंदिर का अद्भुत रहस्य यह माना जाता है कि जब यहां मां मुंडेश्वरी जी के समक्ष बलि के लिए बकरे को रखा जाता है तो वह बकरा मृतप्राय हो जाता है परंतु कुछ क्षणों के पश्चात जब पुजारी जी के द्वारा फिर से बकरे पर चावल अभिमंत्रित pic.twitter.com/UCRjEjGdUE

— अखंड भारत हरिओम सिंह राजावत (मोदी का परिवार) (@VHP_SINGH_H)

 

कैसे पहुंचे मां मुंडेश्वरी मंदिर?

अगर आप भी नवरात्रि पर माता मुंडेश्वरी के दर्शन करना चाहते हैं तो आप ट्रेन या बस के जरिए बिहार के कैमूर जिला पहुंच सकते हैं। मुंडेश्वेरी धाम का नजदीकी रेलेव स्टेशन भभुआ बताया जाता है। जो मंदिर से 30 किलोमीटर की दूरी है। अगर फ्लाइट से आना चाहते हैं तो वाराणसी तक फ्लाइट से आइए फिर वहां से किराए की टैक्सी या बस से आप सीधे कैमूर पहुंच सकते हैं। 

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