भारतीयों, खासकर लड़कियों की सेहत पर संकट, क्या एक्सरसाइज की कमी बन रही हेल्थ की दुश्मन? सर्वे में खुलासा

By Surya Prakash TripathiFirst Published Sep 7, 2024, 12:53 PM IST
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नेशनल सर्वे से खुलासा हुआ है कि 20 करोड़ से अधिक भारतीय इनएक्टिव हैं। फिजिकल एक्टिविटीज में कमी से हेल्थ प्राब्लम्स का खतरा बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेगुलर एक्सरसाइज और हेल्दी लाईफ स्टाइल से एकेडमिक और पर्सनल लाईफ में पॉजिटिव चेंज आते हैं।

नई दिल्ली। हाल ही में हुए एक नेशनल सर्वे ने चिंताजनक तथ्य उजागर किए हैं कि 20 करोड़ से अधिक भारतीय, इंटरनेशनल मानकों के अनुसार, 'इनएक्टिव' हैं। यह अध्ययन डलबर्ग एडवाइजर्स और स्पोर्ट्स एंड सोसाइटी एक्सेलेरेटर द्वारा किया गया, जिसमें भारत में फिजिकल एक्टिविटी की कमी और उसके गंभीर प्रभावों का खुलासा किया गया है। TOI की रिपोर्ट के अनुसार शहरी भारत में इनएक्टिविटी रेट विशेष रूप से लड़कियों में सबसे ज्यादा पाई गई है।

WHO ने क्या बताई वजह और हेल्दी रहने के उपाय?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि एडल्ट को हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की फिजिकल एक्टिविटीज करनी चाहिए, जबकि बच्चों और किशोरों को हर दिन 60 मिनट एक्सरसाइज करने का लक्ष्य रखना चाहिए। लेकिन यह सर्वे दर्शाता है कि अधिकांश भारतीय फिजिकल एक्टिविटीज के मामले में काफी पीछे हैं। जिसका एक प्रमुख कारण यह है कि कई माता-पिता पढ़ाई को बच्चों के खेलने के समय से अधिक प्राथमिकता देते हैं, जिससे उनके फिजिकल हेल्थ निगेटिव प्रभाव पड़ रहा है।

देश में सबसे ज्यादा किस बीमारी के शिकार हो रहे लोग?
डलबर्ग एडवाइजर्स की क्षेत्रीय निदेशक श्वेता तोतापल्ली का कहना है कि एक आम मिथ यह है कि फिजिकल एक्टिविटीज एकेडमिक परफार्मेंश में बाधा डालती है, जबकि वास्तविकता यह है कि यह एजूकेशन सफलता को बढ़ाती है। भारत में लगभग 188.3 मिलियन एल्डर हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, जो कि 4 एल्डर में से एक है। एक्सपर्ट का मानना है कि व्यायाम की कमी, अनहेल्दी लाईफस्टाइल और पौष्टिक डाईट की कमी से यह समस्या और गंभीर हो रही है। भारत में मोटापे की दर भी तेजी से बढ़ रही है। जहां 1990 में 1.2% महिलाएं और 0.5% पुरुष मोटापे से ग्रस्त थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 9.8% महिलाओं और 5.4% पुरुषों तक पहुंच गई है।

देश के इन राज्यों के आंकड़ों में दोगुना का मिला अंतर
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच इनएक्टिविटी के आंकड़ों में भी भारी अंतर देखने को मिला। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में शहरी इलाकों में इनएक्टिविटी रेट दोगुनी पाई गई है। इसके अलावा स्कूलों में खेलकूद और फिजिकल एक्टिविटीज के लिए एक्यूपमेंट और खेल मैदानों की कमी के कारण भी छात्रों की फिजिकल एक्टिविटीज प्रभावित हो रही है।

लड़कियों की फिजिकल एक्टिविटीज सबसे ज्यादा प्रभावित?
विशेष रूप से लड़कियों के लिए फिजिकल एक्टिविटीज की कमी एक बड़ी चुनौती है। परिवारों में घरेलू जिम्मेदारियों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते लड़कियों के लिए शारीरिक गतिविधियों के अवसर सीमित हो जाते हैं। 

हेल्दी रहने के लिए अपनाएं ये एक्टिविटीज
शारीरिक गतिविधि बढ़ाने के लिए आप कुछ आसान तरीकों को अपना सकते हैं, जैसे कि सीढ़ियां चढ़ना, रोजाना पैदल चलना और कंप्यूटर ब्रेक लेना। इसके अलावा रेगुलर एक्सरसाइज में यार्ड वर्क, डांसिंग, स्विमिंग, बाइकिंग, टेनिस या बास्केटबॉल खेलना आज़माएं।

धूम्रपान, शराब पीना बंद करें
अत्यधिक शराब पीने से लीवर खराब होता है और कैंसर होता है। मेंटल हेल्थ पर भी निगेटिव प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान से फेफड़ों के कैंसर और हार्ट रोग सहित विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

 

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