खुशियों के लिए 25% जिम्मेदार होती हैं आपकी आदतें, दिन में बस करें ये 5 काम, खुशियों से भर जाएगी आपकी झोली...

By Bhawana tripathi  |  First Published Mar 20, 2024, 9:58 AM IST

International Day of Happiness 2024: हैप्पीनेस या खुशियों को लेकर कई रिसर्च की जा चुकी हैं। व्यक्ति के खुश रहने के लिए कुछ फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं। अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो आपको खुश रहने से कोई नहीं रोक सकता है। 

International Day of Happiness 2024: जीवन में हर कोई खुशियों के पीछे भागता रहता है। सुबह जल्दी उठने से लेकर रात को देर में सोने तक, व्यक्ति खुशियों के इंतजार में खूब मेहनत करता है। खैर हैप्पीनेस या खुशी कुछ फैक्टर्स पर डिपेंड करती है। ये फैक्टर आपके जींस, आसपास के माहौल और काफी हद तक आपकी आदतों पर निर्भर करते हैं। ये हम नहीं बल्कि Harvard में खुशियों को लेकर कर की गई रिचर्स के फैक्ट्स कह रहे हैं। हम लोग काफी हद तक अपनी आदतों और परिस्थितियों को बदल सकते हैं। बाकी अनुवांशिक या जैनेटिक जीन पर तो वैसे भी हमारा कोई बस नहीं है। जानिए खुश रहने के तरीकों के बारे में।  

हैप्पीनेस के लिए नया रूटीन करें फॉलो

रोजाना एक जैसा काम करने से थकावट महसूस होने लगती है।अगर आप रोजाना के रूटीन में थोड़ा बदलाव करेंगे तो यकीनन आपको खुशी महसूस होगी। जैसे कि आप रोजाना एक जैसा नाश्ता करना छोड़ दें। अगर रोजाना पराठां खाते हैं तो अब उपमा या फिर ढोकला खाना शुरू करें। ऑफिस जाने के लिए रोजाना एक ही रास्ता न अपनाएं। फ्री टाइम में मोबाइल देखने के बजाय गार्डन की ग्रीनरी या घर की बाल्कनी में लगे पौधों को देखें। ऐसा करने से वाकई आपके मन को राहत महसूस होगी।

खो जाएं किताबों की दुनिया में

आजकल किताबें पढ़ने वालो की संख्या कम हो गई है। लोग किताबें पढ़ने के बजाय फिल्मे देखना ज्यादा पसंद करते हैं। हम ऐसा नहीं कह रहे हैं कि आप फिल्म्स न देखे बल्कि फिल्मों के साथ ही किताबों को भी जीवन का अहम हिस्सा बनाएं। किताबें आपको एक नई दुनिया में ले जाती हैं जहां आप काफी रिलेक्स फील करते हैं। 

खुश रहने के लिए रोजाना सुने म्यूजिक

अगर आप अकेले रहते हैं तो अकेलेपन को दूर करना बहुत जरूरी है। अकेलेपन में खुश रहने के लिए रोजाना म्यूजिक जरूर सुनें। अगर घर में शोर ज्यादा रहता है तो भी म्यूजिक सुनना न बंद करें। ये आपको खुशी का एहसास कराएगा। 

खुद के लिए निकाले समय

अगर आपका समय भी घर और ऑफिस के काम में खत्म हो जाता है तो इस आदत को तुरंत बदलें। आप खुद के लिए छुट्टी लें और पसंदीदा जगह घूम कर आएं। 

'लोग क्या कहेंगे' की सोच से निकले बाहर

हमारी आधी खुशियां तो इस बात पर कुर्बा हो जाती हैं कि लोग क्या कहेंगे। आपको जो पसंद हो, जैसे पसंद हो, ठीक वैसा ही करें। सही दिशा में किया गया काम खुशियां ही देता है। लोगों के कहने पर अपनी जीवन की दिशा को न बदलिए। 

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