Alzheimer's disease yoga: भूलने की है बीमारी तो आज ही से शुरू करें ये 5 योग, बढ़ने लगेगी याददाश्त

By Bhawana tripathi  |  First Published Mar 20, 2024, 8:57 AM IST

Alzheimer's disease yoga: अल्जाइमर या भूलने की बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। अगर रोजाना मेडिटेशन या योग का सहारा लिया जाए तो भूलने की बीमारी के लक्षणों में सुधार हो सकता है।

Alzheimer's disease yoga: एक दिन पहले की बात हो या फिर एक महीने पहले की, अगर आपके दिमाग से बाते हटना शुरू हो गई हैं तो ये अल्जाइमर के लक्षण हो सकते हैं। अल्जाइमर या भूलने की बीमारी के लक्षण तुरंत नज़र नहीं आते हैं। बीमारी की गंभीरता बढ़ने के साथ ही व्यक्ति के दिमाग से बातें गायब होने लगती हैं। इस समस्या से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि अल्जाइमर की बीमारी में योग (Alzheimer's disease yoga) कैसे फायदा पहुंचाता है। 

योग अभ्यास से बढ़ाएं  याददाश्त

अगर रोजाना योग अभ्यास जैसे कि सूर्य नमस्कार, गणेश मुद्रा की जाए तो बच्चों के साथ ही बुजुर्गों में भी याददाश्त बढ़ती है। आइए जानते हैं अल्जाइमर की बीमारी में योग के बारे में।

अल्जाइमर की बीमारी में करें गणेश मुद्रा

मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए और मेमोरी को अच्छा करने के लिए गणेश मुद्रा का अभ्यास रोजाना करना चाहिए।
सबसे पहले अपनी हथेलियों को एक-दूसरे से बांध लें।

  • अब अपने दाहिने हाथ का उपयोग करते हुए बाएं हाथ को अंदर से पकड़े।
  • हाथों को जोड़ लें और लॉक कर लें। गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे हाथों को अलग खींचे।
  • इस प्रोसेस को आपको कम से कम 6 बार दोहराना है। 


 

मत्स्यासन योग (Matsyasana)

इस आसन में शरीर का आकार मछली जैसा बनाना होता है। ये योग न सिर्फ चिंता को दूर करता है बल्कि मेंटल इलनेस से भी छुटकारा दिलाता है। 

  • सबसे पहले जमीन में पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को पद्मासन की मुद्रा में धीरे-धीरे लाएं।
  • अब जांघों के साथ ही घुटनों को फर्श में टिकाते हुए सीने को ऊपर की ओर उठाएं।
  • इस दौरान सिर को जमीन में ही रखना है। कुछ समय बाद सांस छोड़ते हुए नीचे आ जाएं। इस प्रक्रिया को 5 बार दोहराएं। 

अल्जाइमर के लिए करें वृक्षासन (Vrikshasana)

वृक्षासन करने के लिए रोजाना अभ्यास करने की जरूरत है। इस आसन को करन के दौरान सीधे खड़े होकर दाये पैर उठा कर बायी ओर की जांघ में टिकाना होता है। इस स्थिति में दोनों हाथों को ऊपर की ओर करके जोड़े। कुछ देर इसी स्थिति में खड़े रहे। फिर दूसरे पैर से भी इसी तरह का अभ्यास किया जाता है। 

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