भारत में मंकीपॉक्स (Mpox) वायरस की एंट्री हो चुकी है, और लोग अब इसकी वैक्सीन के बारे में जानना चाह रहे हैं। जानें एमपॉक्स की वैक्सीन, उसके प्रकार, और भारत में इसकी उपलब्धता के बारे में।
Mpox Vaccine: भारत में मंकीपॉक्स, जिसे अब एमपॉक्स कहा जाता है, का पहला मामला सामने आने के बाद लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्या एमपॉक्स की कोई वैक्सीन उपलब्ध है? और अगर है, तो कौन-सी वैक्सीन भारत में मिलेगी? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब।
Mpox की कौन सी वैक्सीन है उपलब्ध?
दुनियाभर में Mpox के खिलाफ तीन प्रमुख वैक्सीन दी जा रही हैं। पहली है Modified Vaccinia Ankara (MVA), जिसे डेनमार्क की कंपनी Bavarian Nordic बनाती है और इसे अमेरिका के FDA और यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी द्वारा अनुमोदित किया गया है। दूसरी है LC16m8, जिसे जापान की KM बायोलॉजिक्स कंपनी द्वारा निर्मित किया गया है और जापानी सरकार द्वारा स्वीकृत है। तीसरी वैक्सीन ACAM2000 है, जिसे अमेरिका की इमरजेंट बायोसॉल्यूशन कंपनी ने विकसित किया है और इसे भी FDA द्वारा मंजूरी मिली है।
भारत में Mpox वैक्सीन की क्या है स्थिति?
भारत में फिलहाल Mpox वैक्सीन के बड़े पैमाने पर डिस्ट्रीब्यूशन की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट जैसी कंपनियां इस पर काम कर रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही भारत में भी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। एक्सपार्ट्स का कहना है कि Mpox और स्मॉलपॉक्स एक ही फैमिली के वायरस हैं, इसलिए स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन भी कुछ हद तक Mpox से सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
Mpox वैक्सीन लगवाने की कब पड़ती है जरूरत?
एमपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद तुरंत वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है। अगर संपर्क के 4 दिनों के अंदर वैक्सीन ली जाती है, तो यह संक्रमण को रोकने में मददगार हो सकती है। अगर लक्षण प्रकट नहीं होते हैं, तो 14 दिनों के भीतर वैक्सीन लेनी चाहिए।
Mpox वैक्सीन कैसे करती है काम?
वैक्सीन लगाने के बाद शरीर में इम्यूनिटी विकसित होने में समय लगता है, इसलिए संक्रमण से बचने के लिए कुछ समय तक सतर्क रहना जरूरी है। हालांकि, वैक्सीन संक्रमण से पूरी सुरक्षा प्रदान नहीं करती, लेकिन यह गंभीर बीमारी से बचाव कर सकती है। जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है, वे एमपॉक्स संक्रमण के गंभीर प्रभावों से बच सकते हैं।
क्या भविष्य में और Mpox वैक्सीन आने की उम्मीद है?
हां, कई और वैक्सीन पर काम चल रहा है। जर्मनी की BioNTech और भारत की सीरम इंस्टीट्यूट जैसी कंपनियां भी एमपॉक्स वैक्सीन पर काम कर रही हैं और निकट भविष्य में ये वैक्सीन बाजार में आ सकती हैं। WHO ने फिलहाल बड़े पैमाने पर टीकाकरण की सिफारिश नहीं की है, लेकिन हाई-रिस्क लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। Mpox की वैक्सीन के बारे में जागरूक रहना और संक्रमण से बचने के उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।
ये भी पढ़ें...
Mpox और COVID-19 के बीच क्या है अंतर? जानें घातक बीमारी से सुरक्षित रहने के तरीके