
हेल्थ डेस्क: महाराष्ट्र के पूणे में तेजी से जीका वायरस के केस सामने आ रहे हैं। 10 दिनों में पुणे में जीका वायरस के 5 मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में एक प्रेग्नेंट महिला के एंब्रियो में जीका के होने की बात सामने आई है। WHO के अनुसार जिन लोगों को जीका वायरस का संक्रमण होता है उन लोगों में लक्षण ना के बराबर नज़र आते हैं। वहीं कुछ लोगों में हल्के लक्षण दिख सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में जीका का संक्रमण है खतरनाक
अगर गर्भावस्था के दौरान मां को जीका का संक्रमण होता है तो ये होने वाले बच्चे को भी संक्रमित कर सकता है। ऐसे में बच्चे को माइक्रोसेफली बर्थ डिफेक्ट की संभावना बढ़ जाती है। एडीज एजिप्टी और एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से फैलने वाला संक्रमण प्लेसेंटा के विकास में दिक्कत पैदा करता है। वायरस का संक्रमण इतना खतरनाक होता है कि बच्चे के दिमाग का विकास बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। बच्चे के छोटा सिर से लेकर कम विकसित दिमाग का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
जीका संक्रमण के कारण हो सकता है गर्भपात
जीका वायरस संक्रमण के कारण भ्रूण का विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता है। अब तक ऐसे कई केस आ चुके हैं जिसमें जन्म लेने वाले बच्चों में असामन्यता की बात कबूली गई है। जीका वायरस का संक्रमण महिलाओं में गर्भपात का कारण भी बन सकता है। गर्भावस्था में यदि मां को जीका वायरस का संक्रमण हो गया है तो ऐसे में होने वाले बच्चे पर एक नहीं बल्कि कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। समय-समय पर मां को डॉक्टर से संपर्क कर बच्चों की जांच करानी चाहिए और साथ ही दिखने वाले लक्षणों के बारे में भी बताना चाहिए। साथ ही जिन स्थानों में जीका वायरस संक्रमण हो वहां नहीं जाना चाहिए।
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