आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर तीसरा आदमी मोटापे की समस्या को लेकर परेशान है। ऐसे में लोग वेट लॉस के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं। अलग अलग तरह से वेट लॉस करने की कोशिश करते है। इन्हीं में एक तरीका इंटरमिटेंट फास्टिंग जो बहुत तेजी से लोगों के दरमियान फैलता जा रहा है।
लखनऊ। लग्जरी लाइफ, गलत खानपान और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण हर आदमी आजकल स्वास्थ्य समस्या को लेकर परेशान है। किसी का वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया है तो कोई बहुत ज्यादा कमजोर है। इनमें मोटापा एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है जिससे हर तीसरा आदमी जूझ रहा है। वजन कम करने के लिए कोई जिम जा रहा है, कोई मॉर्निंग वॉक करता है, कोई डाइट के जरिए वेट लॉस करता है। डाइटिशियन अपने तरीके से लोगों का वेट लॉस कराते हैं इन्हीं में एक तरीका है इंटरमिटेंट फास्टिंग जो आजकल बहुत तेजी से लोगों को पसंद आ रहा है । आगे के आर्टिकल में आपको बताएंगे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सेहत के लिए फायदेमंद है या नुकसानदेह है।
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग
वेट लॉस के लिए एक्सरसाइज के साथ-साथ डाइट बैलेंस भी बनाना बहुत जरूरी है डाइट बैलेंस में खाने का समय और खाने में कैलोरी प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का ध्यान रखा जाता है। अब आजकल इंटरमिटेंट फास्टिंग लोग फॉलो कर रहे हैं जिसमें 24 घंटे में से 8 घंटे खाने के होते हैं और 16 घंटा फास्टिंग करना होता है। इन 16 घंटे में पानी पिया जा सकता है मिनरल से भरपूर फल जैसे तरबूज और खीरा खाया जा सकता है बाकी हर चीज से परहेज होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से फायदा तो बहुत होता है लेकिन इसके लिए डाइट प्लान बहुत जरूरी है डाइट प्लान के साथ-साथ टाइम मैनेजमेंट भी स्ट्रिक्टली फॉलो करना होता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब होता है अपनी डाइट में कैलोरी को कट करना। इंटरमिटेंट फास्टिंग में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड कंट्रोल में रहता है साथ ही मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहता है लेकिन थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने से वेट तेजी से बढ़ता भी है। यही वजह है कि लोग लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो नहीं कर पाते और दोबारा वजन बढ़ने लगता है।
पाचन से जुड़ी समस्या
लंबे समय तक भूखे रहने के कारण कुछ लोग फास्टिंग के बाद तेजी से खाना शुरू कर देते हैं और ज्यादा मात्रा में खा लेते हैं। इस फास्टिंग से बहुत सारे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी होती है जैसे की ब्लड शुगर और बीपी का लेवल असंतुलित हो जाता है। इसलिए इंटरमिटेंट फास्टिंग प्लान करने से पहले जरूरी है किसी अच्छे डाइटिशियन से सलाह लेना।
किसे नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग
डायबिटीज के पेशेंट के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग दुरुस्त नहीं है क्योंकि डायबिटीज के पेशेंट को लंबे समय तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए। जो लोग डायबिटीज की दवा लेते हैं उन्हें इस फास्टिंग से बचना चाहिए। जो भी इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहता है उसे स्टार्ट करने से पहले किसी डॉक्टर न्यूट्रिशनिस्ट या डाइटिशियन से सलाह लेनी चाहिए ताकि आपके शरीर को फायदा हो नुकसान नहीं।
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Last Updated Mar 19, 2024, 9:55 PM IST