उदयपुर की जादूगर आंचल ने 'एडवेंचर विद फायर' के अद्भुत प्रदर्शन से लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। सीएम भजनलाल शर्मा ने उनकी साहसिक उपलब्धि को सराहा। जानें आंचल की इंस्पिरेशनल स्टोरी।
उदयपुर। उदयपुर की जादूगर आंचल ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है, अब उनका नाम लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। आंचल पहले भी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, लिम्का बुक और बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपनी छाप छोड़ चुकी हैं। अब मेवाड़ का गौरव बनकर उभरी इस लड़की को राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने भी सम्मानित किया है।
‘एडवेंचर विद फायर’ ने दिलाई अंतरराष्ट्रीय पहचान
दरअसल, आंचल ने 23 दिसंबर को उदयपुर के महाराणा भूपाल स्टेडियम (गांधी ग्राउंड) में एक साहसिक कार्यक्रम ‘एडवेंचर विद फायर’ आयोजित किया था। इस प्रोग्राम ने सिर्फ उदयपुरवासियों को ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के दर्शकों को हैरान कर दिया। आंचल को 150 फीट लंबी स्टील की चैन और 121 तालों से बांधकर एक लकड़ी के बक्से में बंद किया गया था और फिर उन्हें सूखी घास से भरे कुएं में डाल दिया गया।
महज 3 सेकेंड में जलती हुई आग से निकल आईं बाहर
यह नजारा देखने के लिए हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद थे। आंचल महज 3 सेकेंड में ही आंचल जलती हुई आग से बाहर निकल आईं। इस परफॉर्मेंस ने उनकी जादूगरी और हिम्मत साबित कर दी। इसके लिए आंचल को सिर्फ देश में नहीं, बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी सराहना मिली।
लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में हुआ नाम दर्ज
आंचल के इस परफॉर्मेंस को ग्लोबल लेवल पर मान्यता मिली। कार्यक्रम के निर्देशक गिरधारी लाल कुमावत के मुताबिक, आंचल के इस यूनिक परफॉर्मेंस को दुनिया भर से सराहना मिली है और उन्हें कई देशों से प्रमाण-पत्र और प्रशंसा पत्र प्राप्त किए हैं। इसी कड़ी में लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से भी आंचल को सर्टिफिकेट मिला। जिसने उनकी उपलब्धियों की चमक और बढ़ा दी है।
सीएम भजनलाल ने की तारीफ
प्रोग्राम के दौरान, सीएम भजनलाल शर्मा ने आंचल और डॉ. जिनेंद्र शास्त्री के हार्डवर्क की तारीफ की। उन्होंने कहा, "आंचल ने अपने साहसिक कारनामों से न केवल उदयपुर बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनका जज्बा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। राज्य सरकार उनका हर संभव समर्थन करेगी ताकि वह भविष्य में और अधिक ऊंचाइयों को छू सकें।" बहरहाल, आंचल की यह उपलब्धि महज एक व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि एक संदेश है कि सफलता पाने के लिए हमें अपने डर और सीमाओं के पार जाना होता है।
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