16 बार फेल-17वीं बार में बना पाए इन्वर्टर, अब 15 की उम्र में अमेरिका जाएंगे पटना के प्रणव सुमन

By rohan salodkar  |  First Published Aug 3, 2023, 5:32 PM IST

पटना के प्रणव सुमन 15 साल की उम्र में दो बड़े आविष्कार कर चुके हैं। उन्होंने अपने हाथों से इन्वर्टर बनाया जिसकी बैटरी किताब की साइज़ की है. वो सारे फीचर्स इस इन्वर्टर  में मौजूद है जो एक आधुनिक इन्वर्टर  में होता है। इसके आलावा उन्होंने नारियल के रेशे से मिटटी बनाई जिसमें 4 गुना तेज़ी से पौधे बड़े हो सकते हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत उन्हें यूएसए जाने का मौका मिला है।

पटना. 15 साल के प्रणव  सुमन के घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी उनके परिवार में किसी के पास इतना पैसा नहीं था गर्मी के दिनों में इनवर्टर खरीद सकें।  बिजली की समस्या से पूरा घर परेशान था लेकिन कहते हैं ना आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है।  प्रणव ने सोच लिया घरवालों को गर्मी से बचाने के लिए कोई सस्ता सा इनवर्टर खुद ही बनाएंगे। प्रणव  इस मुहिम में एक बार नहीं दो बार नहीं बल्कि 16 मर्तबा फेल हुए लेकिन हिम्मत नहीं हारी और अंत में वह इन्वर्टर बनाने में कामयाब रहे। माय नेशन हिंदी से बात करते हुए प्रणव ने इनवर्टर की खासियत के बारे में बताया।


शार्ट सर्किट होने पर पावर कट कर देगा इन्वर्टर 

प्रणव राजीव नगर स्थित एसडीएम इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से पढ़ाई कर रहे हैं और कुछ ना कुछ नया करते रहते हैं। प्रणव कहते हैं मेरे बनाए  इनवर्टर में वो सारे फीचर्स मौजूद है जो एक आधुनिक इनवर्टर में होता है, और वह सारे ऑप्शन डिस्प्ले पर आपको नजर आएंगे। इन ऑप्शन में पावर ऑन ऑफ इंडिकेशन, शॉर्ट सर्किट इंडिकेशन, नॉर्मल चार्जिंग इंडिकेशन, वगैरह है।  इनवर्टर पर बहुत ज्यादा लोड पड़ेगा तो 3 घंटे तक का बैकअप आराम से दे सकता है। इनवर्टर से पंखा बल्ब मिक्सर और आयरन भी आराम से चल सकता है। अगर घर में कहीं शॉर्ट सर्किट होता है तो यह अपने आप पावर को कट कर देता है ।


किताब के साइज़ की बैटरी 

इनवर्टर का नाम है इंडस 1100 स्मार्ट इन्वर्टर। प्रणव कहते हैं आमतौर पर इनवर्टर की बैटरी बड़ी होती है और काफी भारी होती है लेकिन इस इनवर्टर में कोई बाहरी बैटरी नहीं लगी है।  बल्कि इसकी बैटरी किताब के आकार की है जिसकी साइज 18 सेंटीमीटर 3 सेंटीमीटर और 25 सेंटीमीटर है और आसानी से कोई भी इसको उठा सकता है। प्रणव ने कहा जिस तकनीक का इस्तेमाल करके उन्होंने बैटरी को बनाया है वैसे ही टेक्निक टेस्ला कंपनी कार बनाने में इस्तेमाल करती है। ये इनवर्टर डीसी टू डीसी बूस्टर मॉड्यूल का इस्तेमाल करता है जो इनवर्टर की छमता को 300 से 1100 तक बढ़ा सकता है। यह बैटरी लिथियम आयन ड्राई सेल है जोकि बहुत सस्ती और हल्की होती है ।


इनवर्टर सोलर चार्जिंग से भी हो सकता है चार्ज

प्रणब कहते हैं इस इनवर्टर को बनाने में उन्हें 1 साल 6 महीना लग गया मतलब पूरे डेढ़ साल इस दौरान कितनी ही बार बैटरी बनी और बिगड़ी, 16 मर्तबा मैं फेल हुआ, लेकिन हर बार यह सोच कर खड़ा हो जाता था कि मेरे एक प्रयास से मेरे घरवाले गर्मी से बच जाएंगे और 17वीं बार में मैं कामयाब हो गया, वही प्रणव  ने बताया इनवर्टर बनाने में 4000 का खर्च पड़ा है। बाजार में इसकी कीमत महज़  6000 है। इनवर्टर की चार्जिंग के बारे में प्रणव ने बताया कि इसको दो तरह से चार्ज किया जा सकता है एक डायरेक्ट घर से 200 वोल्ट की एसी सप्लाई से और दूसरा सोलर चार्जिंग से।


प्रणव अगले साल जाएंगे अमरीका

 इसके पहले प्रणव ने खुद की मिट्टी तैयार की थी जिसमें उन्होंने नारियल के रेशों का इस्तेमाल किया था इस मिट्टी में उन्होंने धान का पौधा उगाया और इस मिट्टी की खासियत यह है कि इसमें नॉर्मल मिट्टी से 4 गुना जल्दी पौधे उगते हैं। इसके बारे में प्रणब ने बताया कि एक  दिन वह स्कूल से आ रहे थे तो उनकी नजर डंपिंग एरिया में पड़े नारियल के छिलके और प्याज पर पड़ी जिससे बहुत बदबू आ रही थी प्रणव के दिमाग में आया क्यों न इसे रीयूज किया जाए। इस प्रोजेक्ट के बाद प्रणव को राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में आउटस्टैंडिंग ए प्लस ग्रेडिंग मिली है उन्हें जनवरी में यूएसए जाने का मौका मिलेगा जहां वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। 


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