Success Story: बीटेक की पढ़ाई-बेंगलुरु में नौकरी पर स्मार्ट खेती से बनी पहचान, अब सालाना कमाई 35 लाख के पार

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Sep 25, 2024, 9:23 AM IST
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उत्तर प्रदेश के दुष्यंत कुमार सिंह ने बीटेक की पढ़ाई और प्राइवेट नौकरी छोड़कर नेचुरल फार्मिंग में कदम रखा। स्मार्ट खेती और सुभाष पालेकर के गाइडेंस में 35 लाख से भी ज्यादा की सालाना कमाई कर रहे हैं। उनकी कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है।

Success Story: अगर मेहनत को सही दिशा और एक्सपर्ट की राय मिल जाए, तो नतीजे अविश्वसनीय हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक युवा किसान दुष्यंत कुमार सिंह ने अपने काम से यह साबित कर दिया है। बीटेक की पढ़ाई के बाद बेंगलुरु में एक साल तक प्राइवेट नौकरी की। फिर जॉब छोड़कर एग्रीकल्चर एक्सपर्ट सुभाष पालेकर के गाइडेंस में खेती की शुरुआत की, और आज वह लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।

बीटेक की पढ़ाई के बाद नौकरी 

बलिया जिले के बसंतपुर गांव के रहने वाले दुष्यंत कुमार सिंह ने 2017 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी और फिर बेंगलुरु में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी शुरू की। हालांकि, नौकरी से वह संतुष्ट नहीं थे और इसी वजह से खेती की ओर रुख करने का फैसला किया। उनका यह निर्णय रिस्की था, क्योंकि आजकल आमतौर पर युवा प्राइवेट नौकरी पाना चाहते हैं, लेकिन दुष्यंत का मन गांव और खेती में लगा था।

सुभाष पालेकर से मुलाकात ने बदल दी जिंदगी

बेंगलुरु में एक एग्रीकल्चर कैम्प में दुष्यंत की मुलाकात एग्रीकल्चर एक्सपर्ट सुभाष पालेकर से हुई और यही उनकी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट बन गया। पालेकर ने नेचुलर फॉर्मिंग के बेनिफिट्स और साइंटिफिक तरीके समझे। उनकी बताई गई राह पर चलते हुए धीरे-धीरे एक सफल किसान बन गए।

4 साल से कर रहे हैं काला नमक की खेती

दुष्यंत के अनुसार, वह प्रमुख रूप से काला नमक किरण धान और मानवीय मनीला सिंचित धान-1 की खेती करते हैं। वह पिछले 4 वर्षों से काला नमक की खेती कर रहे हैं। जिसकी बाजार में काफी डिमांड है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस धान की फसल के लिए सिंचाई की कम जरूरत पड़ती है। प्रति हेक्टेयर लगभग 55 से 60 क्विंटल तक पैदावार होती है। इस साल उन्होंने 65 बीघे में काला नमक और 4 बीघे में मनीला धान की खेती की है।

3 लाख इंवेस्ट कर लाखों का मुनाफा

दुष्यंत अपनी खेती में किसी भी तरह के रसायनों का यूज नहीं करते हैं। पशुपालन से उन्हें गोबर और अन्य जैविक खाद मिलता है, जो फसलों की क्वालिटी बढ़ाने में मदद करता है। काला नमक धान की खेती में प्रति बीघा केवल 4-5 हजार रुपये का खर्च आता है, जबकि प्रति बीघा 60,000 रुपये तक का मुनाफा होता है। इस साल उन्होंने 65 बीघे में काला नमक किरण धान की खेती की है, जिससे लगभग 39 लाख रुपये का मुनाफा होने की उम्मीद है। उनकी कुल लागत सिर्फ तीन लाख रुपये आई है, उनका यह काम बताता है कि मेहनत और स्मार्ट खेती से कैसे मुनाफा बढ़ाया जा सकता है?

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