पिता ड्राइवर और बेटे ने 1st अटेम्ट में ही क्रैक कर डाला UPPCS-J, जबरदस्त है यूपी के कल्याण की कहानी

By Kavish AzizFirst Published Sep 13, 2023, 9:39 PM IST
Highlights

कल्याण सिंह के पिता जवाहरलाल मौर्य एक ड्राइवर हैं लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। UPPCS-J 2022 में कल्याण ने 40वीं रैंक हासिल करके बहराइच जिले का नाम भी रोशन किया और अपने पिता के सपने को साकार किया। कल्याण की माता की डेथ 6 साल पहले हुई है।  वो हमेशा  अपने बच्चो को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती थीं। 

बहराइच। परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल हो, मेहनत करने वालों की जीत जरूर होती है। कुछ लोगों को कामयाबी हासिल करने में वक्त लगता है । कुछ लोग जल्दी कामयाब हो जाते हैं लेकिन हर कामयाबी के पीछे एक संघर्ष होता है। UPPCS-J 2022 बैच में 627 उम्मीदवारों का सिलेक्शन हुआ था जिसमें बहराइच के कल्याण सिंह ने 40वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया।

पिता है डीएम के ड्राइवर
कल्याण सिंह के पिता जवाहरलाल मौर्य बहराइच के डीएम के ड्राइवर पिछले 35 साल से हैं। बहुत मशक्कत से उन्होंने अपने बच्चों को पढाया। कल्याण की शुरुआती पढ़ाई बहराइच के नानपारा में हुई और इंटरमीडिएट की पढ़ाई बहराइच के सेवंथ डे एड्वेंटिस्ट कॉलेज से पूरी हुई। कल्याण ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से बीएससी किया और फिर आईआईटी दिल्ली से केमिस्ट्री में MSC  किया। कल्याण दो भाई दो बहन है उनके बड़े भाई संजय मौर्य एसेंचर कंपनी में chief engineer है।  वही उनकी बहने श्रेया और प्रिया UPSC की तैयारी कर रहे हैं।



मां ने हमेशा प्रेरित किया
कल्याण के भाई संजय मौर्य ने बताया की उनकी मां की death 6 साल पहले हो गयी थी। पापा ड्यूटी पर रहते थे परवरिश तो मां ने ही कि है। पापा ने हमारी पढ़ाई लिखाई में कोई कसर नही छोड़ी। भाई ने जब UPPCS-J क्रैक किया तो उस वक़्त हमने मां को बहुत मिस किया। वो इस खुशी को देखने के लिए दुनिया में नहीं थी। हमें आगे बढ़ाने के लिए  हमेशा प्रेरित करती रहती थीं। ये उनकी प्रेरणा का नतीजा है कि हम सारे भाई बहन अच्छे रास्ते पर निकल कर कामयाबी हासिल कर रहे हैं।

IAS के इंटरव्यू में चूक गए थे कल्याण
संजय ने बताया कि  कल्याण इस समय एनटीपीसी मे सहायक प्रबंधक की पोस्ट पर सोलापुर मुम्बई में पोस्टेड हैं। कल्याण के बारे में बात करते हुए संजय ने बताया कि वह हमेशा से पढ़ने में बहुत तेज था धीर गंभीर था। UPSC 2021 में भी कल्याण ने  IAS का इंटरव्यू दिया था, जिसमें पांच नंबर कम होने से वह चूक गए थे। संजय ने कहा कि पापा पिछले 35 साल से डीएम अंकल की गाड़ी चला रहे थे और वह हमेशा हमसे उन्हीं की तरह बनने के लिए कहते थे। उनके सपने को कल्याण ने साकार किया।

ये भी पढ़ें

पिता बनाते हैं पंचर, मां ने फ़िल्म देख कर बच्चों की पढ़ाई का बीड़ा उठाया- अब बेटा बन गया जज...

click me!