तपन ब्रह्मभट्ट ने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग किया। इंजीनियरिंग के दौरान तपन को बर्गर का बिजनेस करने का आइडिया सूझा। तपन ने दो दोस्तों के साथ मिलकर अपनी बुलेट से बर्गर बेचना शुरू किया। इस कारोबार की शुरुआत तपन ने महज़ 700 रुपये से किया था और आज वह महीने में लाखों की कमाई कर रहे हैं।
अहमदाबाद. भारत में बर्गर का क्रेज ऐसा है कि आपको विदेशी से लेकर देसी टाइप के बर्गर मिल जाएंगे। उसके बाद में नॉन वेज और वेज का ऑप्शन, लेकिन आज हम आपको टमी टिक्की बर्गर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके ओनर तपन ब्रह्मभट्ट ने माय नेशन हिंदी से बात करके बर्गर के बारे में डिटेल बताया...।
हॉस्टल में आया बर्गर बेचने का आईडिया
तपन ब्रह्मभट्ट गुजरात के अंबाजी के रहने वाले हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है। तपन कहते हैं- इंजीनियरिंग के दौरान हॉस्टल में अक्सर रात को हमें भूख लगती थी। हम ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते थे। ऑनलाइन फूड महंगा भी होता है और उसमें वो टेस्ट भी नहीं होता था। यहीं से मेरे दिमाग में आईडिया आया कि फास्ट फूड बिजनेस करना चाहिए। बर्गर हमने इसलिए चुना क्योंकि भारतीयों में बर्गर को लेकर एक अलग ही क्रेज है। यह एक ऐसा खाना है, जिसे बड़े-बूढ़े-बच्चे सब खा लेते हैं। इसके बाद तपन ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस बिजनेस की शुरुआत कर दी।
बुलेट से शुरू किया कारोबार
तपन ने साल 2018 में ₹700 से अपना कारोबार शुरू किया। इसके लिए उन्होंने अहमदाबाद के रिवर फ्रंट का इलाका चुना। वह बुलेट से बर्गर सेल करते थे। उसके बारे में वह कहते हैं- हमारे पास पैसे नहीं थे कि हम कोई दुकान ले सके या स्टॉल बना सके, इसलके लिए हमारे पास एक आईडिया आया कि अपने पास जो कुछ भी है, उसी से काम करना है। फिर क्या था, हमने बुलेट से बर्गर बेचना शुरू कर दिया। रिवर फ्रंट को इसलिए चुना क्योंकि यहां घूमने के लिए फैमिली आती है। कॉलेज के स्टूडेंट आते हैं। तपन ने बर्गर की मार्केटिंग के लिए कोई पंपलेट वगैरह नहीं छपवाया। वह कहते हैं- हमने फेस टू फेस मार्केटिंग किया।
टेस्ट के बाद पैसे देने की मार्केटिंग
शुरुआत में रिवर फ्रंट पर किसी ग्रुप को देखकर तपन बर्गर लेकर जाते थे और कहते थे- टेस्ट करो अगर टेस्ट अच्छा लगता है तो मुझे पेमेंट कर देना। तपन के एक बर्गर की कीमत 60 रुपये थी। वह कहते हैं- जब हमने पहली बार बर्गर बेचा तो ग्राहक ने 60 के बजाय ₹50 दिए वह ₹50 आज भी मैंने खर्च नहीं किए क्योंकि उस ₹50 की खुशी आज तक बरकरार है। किसी भी ग्राहक को बर्गर सेल करके तपन अपना फोन नंबर भी उसे दे देते थे ताकि अगर कोई ऑनलाइन ऑर्डर करना चाहे तो वह कभी भी कॉल कर सके। इस तरह ग्राहक उनसे जुड़ते चले गए। टमी टिक्की बर्गर की सर्विस 24*7 थी। धीरे-धीरे टमी टिक्की बर्गर ब्रांड बन गया।
अहमदाबाद में हैं तीन आउटलेट
कॉलेज खत्म होने के बाद तपन ने एक अस्पताल में नौकरी कर लिया और उनके दोस्तों ने भी बिजनेस और सर्विस कर ली लेकिन नौकरी करके उनको संतुष्टि नहीं मिल रही थी। साथ ही टमी टिक्की बर्गर का ज़ायका लोगों की ज़ुबान पर चढ़ चुका था । लोग फोन करके आर्डर करने लगे। ऐसे में एक दिन तपन ने नौकरी छोड़ दी लेकिन सबसे बड़ा प्रॉब्लम था मैनपावर और तपन ने अकेले इस बिजनेस को रिवाइव करने का प्लान कर लिया। वो कहते हैं मैंने माइंड मेकअप किया की अकेले होने का मतलब सब संभालना होगा और चूंकि ये सर्विस 24 घंटे है तो रात में भी आर्डर आएगा तो जाना ही होगा। बस सोच लिया कि इसी काम को आगे बढ़ाना है। आज अहमदाबाद में टमी टिक्की बर्गर के तीन आउटलेट हैं और हर आउटलेट से 10 लाख का मुनाफा होता है।
सिस्टर के नाम पर है ब्रांड नेम
तपन कहते हैं- मुझे एक ऐसा नाम चाहिए था जो मेरी ज़ुबान पर सबसे ज़्यादा हो। मेरी बहन का नाम टमी है और दिन भर में सबसे ज़्यादा उसी का नाम मेरी ज़ुबान पर आता है। घर के बाहर रहता हूं तो बहन का फोन सबसे ज़्यादा आता है। घर में रहता हूं तो हर काम के लिए उसे ही पुकारता हूं। बस इसलिए मुझे टमी सबसे अच्छा नाम लगा।
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