जानें कैसे संजीव कुमार मौर्या ने आर्थिक तंगी और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद यूपीएससी 2018 में 89वीं रैंक हासिल की। उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी हर UPSC उम्मीदवार के लिए प्रेरणा है।
IAS Story: यूपी के संतरविदास नगर के रहने वाले संजीव कुमार मौर्या ने यूपीएससी 2018 में 89वीं रैंक हासिल की थी। सामान्य परिवार से हैं। सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। मौजूदा समय में बरेली के नगर आयुक्त हैं। पैरेंट्स ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। चाचा ने पढ़ाई के लिए मोटिवेट किया। आइए जानते हैं कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में संजीव कुमार मौर्या ने सफलता हासिल की।
चाचा ने पढ़ाई के लिए किया प्रेरित
संजीव कुमार मौर्या के पैरेंट्स ने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की थी। उनके चाचा पढ़ाई के लिए इलाहाबाद गए थे। उन्होंने ही परिवार के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और संजीव को सिविल सर्विसेज की प्रिपरेशन के लिए मोटिवेट किया। संजीव के मुताबिक, उनके कॉलेज के एक सीनियर ने भी उन्हें काफी प्रभावित किया। इसी वजह से उनका ध्यान सिविल सर्विस की प्रिपरेशन की तरफ गया।
पिता कालीन डिजाइनर, मां हाउसवाइफ
दरअसल, उनके पिता कालीन डिजाइनर के रूप में काम करते हैं। मां गृहिणी हैं। ग्रामीण इलाके से आने वाले संजीव कुमार मौर्या के मुताबिक, फेलियर के दौरान परिवार ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और एग्जाम में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए मोटिवेट किया। वह बचपन से मेहनती और होनहार स्टूडेंट थे। उनके मुताबिक, अनुशासन के साथ पढ़ाई का टारगेट तय करना चाहिए और उसे पूरा करना चाहिए। यूपीएससी प्रिपरेशन में आत्मसंयम भी बहुत मायने रखता है। ताकि हम अपना समय वेस्ट न करें। सिलेबस को ध्यान से देखना चाहिए।
यूपीएससी तैयारी में किन बातों का रखें ध्यान
यूपीएससी की तैयारी में सबसे बड़ी कुंजी अनुशासन है।
हर दिन पढ़ाई के लिए एक शेड्यूल बनाएं।
बिना गैप के नियमित रूप से पढ़ाई करें।
किसी भी टॉपिक को रटने की बजाय उसे अच्छे से समझें।
पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे नोट्स बनाएं।
मॉक टेस्ट दें और अपनी कमजोरियों को पहचानें।
टाइम मैनेजमेंट और उत्तर लेखन की प्रैक्टिस करें।
तैयारी के दौरान धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखना बेहद जरूरी है।
कभी-कभी असफलता भी मिल सकती है, लेकिन इससे सीख लेकर आगे बढ़ें।
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