Motivational Story: UP के काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी के IAS अधिकारी अक्षत वर्मा ने गंगा घाटों पर फेंके गए कपड़ों को 1 लाख इको-फ्रेंडली बैग में बदलकर पर्यावरण की रक्षा और महिलाओं को रोजगार देने की शानदार पहल की। जानें पूरी कहानी!
IAS Motivational Story: UP के वाराणसी के पवित्र गंगा घाटों पर छोड़े गए कपड़ों से होने वाले प्रदूषण को कम करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए IAS अधिकारी अक्षत वर्मा ने एक अनूठी पहल की। उन्होंने होप वेलफेयर फाउंडेशन के सहयोग से स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाया और इन कपड़ों को 1 लाख इको-फ्रेंडली बैग में बदल दिया। यह पहल पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
1. वाराणसी के घाटों पर कपड़ों का ढेर – एक बड़ी समस्या
वाराणसी, जिसे दुनिया के सबसे प्राचीन और आध्यात्मिक शहरों में से एक माना जाता है, यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद पुराने कपड़ों को घाटों पर छोड़ जाते हैं।
इन छोड़े गए कपड़ों से उत्पन्न होती हैं ये समस्याएं
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2. IAS अधिकारी अक्षत वर्मा का शानदार समाधान
"फेंके गए कपड़ों का पुनर्चक्रण करके उन्हें उपयोगी बनाया जाए!" IAS अक्षत वर्मा ने होप वेलफेयर फाउंडेशन और ‘ग्रीन आर्मी’ नामक महिला स्वयं सहायता समूह के साथ मिलकर इन बेकार कपड़ों को हाथ से बने इको-फ्रेंडली बैग में बदलने की योजना बनाई।
3. कैसे बने 1 लाख इको-फ्रेंडली बैग?
4. इस पहल के बड़े फायदे
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