जानिए आईआईटी ग्रेजुएट अरुणाभ सिन्हा की प्रेरणादायक कहानी, जिन्होंने 1 करोड़ की नौकरी छोड़कर 500 करोड़ रुपये का लॉन्ड्री बिजनेस खड़ा किया। कभी टेप रिकॉर्डर खरीदने के पैसे नहीं थे, आज हैं Uclean के फाउंडर।
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर आपने एमबीए चायवाला, बीटेक पानीपुरी वाला नाम जरूर सुने होंगे। आए दिन इनके वीडियो वायरल होते रहते हैं। आज हम आपको आईआईटी लॉन्ड्रीवाला के बारे में बताने जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस शख्स ने गंदे कपड़े धोकर 500 करोड़ का बिजनेस खड़ा कर दिया और यह बिजनेस शुरू करने के लिए एक करोड़ सालाना पैकेज वाली नौकरी छोड़ी थी। Uclean के फाउंडर अरुणाभ सिन्हा की कहानी यूथ के लिए इंस्पिरेशनल है।
परिवार के पास रेडियो खरीदने तक के नहीं थे पैसे
1990 के दशक में उनके परिवार की आर्थिक हालत खस्ता थी। एक टेप रिकॉर्डर भी अफोर्ड करने की कैपेसिटी नहीं थी। ऐसे परिवार के लड़के का आईआईटी से पढ़ाई करना किसी सपने जैसा था। उसी दरम्यान जमशेदपुर के एक शख्स ने आईआईटी क्रैक किया था। न्यूज पेपर में उसका नाम छपा। तभी अरूणाभ ने भी आईआईटी से पढ़ाई की ठानी। वह जमशेदपुर से 10 किमी दूरी पर स्थित डिम्ना गांव में रहते थे। गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। उनकी ख्वाहिश अपने परिवार को गांव से निकालकर जमशेदपुर ले जाने की थी। हालांकि आईआईटी बॉम्बे में पढ़ाई के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि दुनिया बहुत बड़ी है।
Franglobal स्टार्टअप बेचकर Treebo Hotels में नौकरी
Uclean से पहले उन्होंने Franglobal नाम का एक स्टार्टअप शुरू किया था, जिसके जरिए वह इंटरनेशनल कंपनियों की भारतीय मार्केट में आने में मदद करते थे। 2010 से अरूणाभ का साउथ ईस्ट एशिया के देशों इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपीन्स आना-जाना हुआ। वहां उन्होंने देखा कि उन देशों को लॉन्ड्री बिजनेस कैसे बदल रहा है। वहां भी पहले भी धोबी ही कपड़े धोने का काम करते थे। 2010 से वहां छोटे-छोटे लॉन्ड्री स्टोर शुरू हो गए। यहीं से उनके अंदर भारत में लॉन्ड्री बिजनेस शुरू करने का विचार आया। साल 2015 में उन्होंने Franglobal अपने इंवेस्टर को ही बेच दी और Treebo Hotels के नॉर्थ इंडिया बिजनेस हेड बन गए।
होटल की शिकायतें देखकर लॉड्री बिजनेस शुरू करने का निर्णय
वह होटल की मार्केटिंग में हेल्प करते थे। होटल में 60 फीसदी शिकायतें लॉन्ड्री से जुड़ी मिलती थीं। बेडशीट या टॉवेल गंदा होने की शिकायतें आम थीं। उसका समाधान निकालने के लिए मार्केट स्टडी करने लगे तो पता चला कि यह करीब 35-40 अरब डॉलर की अनऑर्गेनाइज्ड इंडस्ट्री है। इस बिजनेस में उनको अवसर दिखाई दिया और करीब 15 महीने बाद Treebo Hotels की 1 करोड़ पैकेज वाली जॉब छोड़ दी।
पत्नी के साथ मिलकर शुरू किया Uclean
अरुणाभ ने अपनी पत्नी गुंजन सिन्हा की मदद से खुद का लॉन्ड्री बिजनेस Uclean शुरू कर दिया। दिल्ली के वसंत कुंज में पहला स्टोर खोला। उसमें शीशे के दरवाजा लगाए, जिससे लोगों को बड़ी-बड़ी लॉन्ड्री की मशीनें दिखती थीं और लोग स्टोर आते थे। धीरे-धीरे ऑर्डर मिलने लगे। उन्होंने Uclean का ऐप, वेबसाइट और कॉल सेंटर भी शुरू किया। अभी उनका बिजनेस 155 शहरों में फैला हुआ है। 30 कस्टमर्स को सर्विस देने का काम करते हैं। भारत के हर राज्य में स्टोर है। नेपाल में 2 और बांग्लादेश में भी एक स्टोर खोला है। आपको यह जानकर और हैरानी होगी कि कंपनी का अपनी सिर्फ एक स्टोर है, बाकि उन्होंने देश भर में फ्रेंचाइजी बांट रखी है। जिनकी संख्या 500 से ज्यादा है।
2 साल में 250 से ज्यादा को रोजगार
कंपनी का दावा है कि वह लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही है। कई राज्यों में एनजीओ के साथ पार्टनरशिप भी की है। उनमें झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। लोगों को हायर कर उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है और किसी स्टोर पर 15 हजार रुपये तक की नौकरी दी जाती है। 2 साल में 250 से ज्यादा लोगों को जॉब के अवसर उपलब्ध कराए हैं। साल 2017 में 8 साल पहले शुरू हुआ उनका स्टार्टअप अब 500 करोड़ रुपये के कारोबार में तब्दील हो चुका है। कंपनी दावा करती है कि यह एशिया की सबसे बड़ी ड्राईक्लीनिंग चेन है।
ये भी पढें-घाटे से सीखा सबक, बनाई ऐसी कंपनी कि दुनिया में छा गई, कारोबार 53,000 करोड़