घाटे से सीखा सबक, बनाई ऐसी कंपनी कि दुनिया में छा गई, कारोबार 53,000 करोड़

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Oct 14, 2024, 11:53 AM IST
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एम.पी. अहमद ने घाटे से सीखकर ‘मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स’ की शुरुआत की, जो आज 53,000 करोड़ रुपये का कारोबार है। जानिए कैसे उन्होंने अपने असफलताओं को ताकत बनाकर दुनिया में नाम कमाया।

Success Story: सफलता सिर्फ किस्मत का खेल नहीं है, बल्कि यह मेहनत, हिम्मत, और असफलताओं से सीखकर आगे बढ़ने का नतीजा होती है। केरल के कोझीकोड में जन्मे एम.पी. अहमद की कहानी भी यही बताती है। शुरुआती फेलियर और 17 लाख रुपये के नुकसान के बाद भी, उन्होंने हार नहीं मानी और आज उनका ‘मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स’ इंपायर 53,000 करोड़ रुपये का हो चुका है। 

17 साल की उम्र में बेचे एग्रो प्रोडक्ट्स

एम.पी. अहमद की पहली व्यावसायिक कोशिश 17 साल की उम्र में शुरू हुई थी, जब उन्होंने एग्रो प्रोडक्ट्स बेचने का काम किया। लेकिन इस कोशिश में उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा। फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी और 23 साल की उम्र में अपने पिता के निधन के बाद, परिवार की जिम्मेदारी उठाई। परिवार में मां और पांच बहनें थीं, जिनकी देखभाल अब उनके कंधों पर थी।

मसालों के व्यापार में असफलता

24 साल की उम्र में अहमद ने कालीकट शहर में मसालों और सूखे नारियल (कोपरा) का कारोबार शुरू किया। इस बार उन्हें लगा कि यह व्यापार सफल होगा, क्योंकि मसाले और कोपरा की मांग हमेशा रहती है। लेकिन बाजार में पहले से ही बहुत सारे प्रतिस्पर्धी थे, और इस वजह से उनका यह व्यापार भी फेल हो गया। अहमद को 17 लाख रुपये का बड़ा नुकसान हुआ, जिसके बाद उन्हें कारोबार बंद करना पड़ा।

मार्केट स्टडी कर चुना बिजनेस

बड़ी चुनौतियों के बीच, अहमद ने खुद को टूटने नहीं दिया। उन्होंने मार्केट की स्टडी की। 1990 में हुए भारतीय करेंसी के अवमूल्यन को ध्यान में रखा। उस समय रुपये का मूल्य 17.5 से 30 रुपये कर दिया गया था, और इस बदलाव ने लोगों को सोने में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था। यह वह मौका था, जिसे अहमद ने अपनी नई स्ट्रेटजी के तौर पर चुना। उन्होंने सोने के व्यापार में कदम रखने का निर्णय लिया।

1993 में कोझिकोड में 200 वर्ग फीट में खोली ज्वेलरी शॉप

17 सितंबर 1993 को अहमद ने कोझीकोड में 200 वर्ग फीट की एक ज्वेलरी शॉप खोली, उसें अपनी बची-खुची सारी पूंजी लगा दी। दुकान का नाम ‘मलाबार गोल्ड’ रखा। यह नाम उन्होंने मलाबार तट से इंस्पायर होकर रखा था। उनकी बिजनेस स्ट्रेटजी देखिए, उन्होंने अपने टारगेट कस्टमर के रूप में मलयाली प्रवासियों को चुना, जो मिडिल ईस्ट में बसे थे। अहमद ने एक अनोखा फाइनेंशियल मॉडल अपनाया। उन्होंने स्थानीय बिजनेसमैन के साथ साझेदारी की और डिबेंचर्स पर 15% तक ब्याज का ऑफर दिया। जब कारोबार मुनाफे में आया, तो ये डिबेंचर्स शेयरों में बदल दिए गए। यह रणनीति कारगर साबित हुई, और बहुत जल्द ही उनका कारोबार 16 करोड़ रुपये के राजस्व तक पहुंच गया।

बिजनेस में सामने आईं ये मुश्किलें

हालांकि, कारोबार की इस सफलता के बावजूद अहमद को कुछ बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। बाजार में हर कोई 24 कैरेट सोना बेच रहा था, जो 99.99% शुद्धता वाला होता है। इस कारण से सोने की मैन्युफैक्चरिंग लागत काफी बढ़ जाती थी, जिससे प्रोडक्ट की कीमत भी बढ़ जाती थी। अहमद को इस समस्या का हल निकालना था ताकि वे प्रतिस्पर्धी कीमत पर सोना बेच सकें।

22 कैरेट सोने की स्ट्रेटजी

अहमद ने 22 कैरेट वाले सोने का बिजनेस शुरू किया, जिसमें 91.67% शुद्धता होती है। इस फैसले ने उनकी लागत को काफी हद तक कम कर दिया, और उन्होंने ग्राहकों को कम कीमत में बेहतर क्वालिटी वाला सोना देना शुरू किया। उन्होंने देश के हर शहर में समान कीमत पर 100% बीआईएस हॉलमार्क सोने की सेल शुरू कर दी। सोने की शुद्धता की जांच के लिए ‘कैरेट चेक एनालाइजर’ का यूज करना शुरू किया, जिससे कस्टमर्स का विश्वास भी बढ़ा।

2005 तक मालाबार गोल्ड का कारोबार 500 करोड़

2005 तक, मलाबार गोल्ड का कारोबार 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। इस समय कंपनी का 40% व्यापार मिडिल ईस्ट से आ रहा था, लेकिन वहां कोई स्टोर नहीं था। 2008 में, अहमद ने यूएई में पहला इंटरनेशल स्टोर खोला, जो कंपनी का 20वां स्टोर था। इसके बाद 2012 में कंपनी ने हीरे का बिजनेस भी शुरू किया और कंपनी का नाम बदलकर ‘मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स’ कर दिया।

साल भर में मिली 83% की ग्रोथ

2013 में कंपनी ने एक और बड़ा मील का पत्थर छुआ। 30 सितंबर 2013 को मलाबार गोल्ड ने गुड़गांव, हरियाणा में अपना 100वां स्टोर खोला। इसी साल कंपनी का रेवेन्यू 22,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 83% की ग्रोथ थी। इस ग्रोथ के साथ, 2018 तक कंपनी के 215 स्टोर्स हो चुके थे और यह देश में सबसे ज्यादा स्टोर्स वाली ज्वेलरी कंपनी बनी।

53,000 करोड़ रुपये का कारोबार

आज, मलाबार ग्रुप 53,000 करोड़ रुपये का विशाल साम्राज्य है, जिसमें ज्वेलरी के अलावा रियल एस्टेट, लग्जरी घड़ियों के ब्रांड्स, घरेलू उपकरण और शॉपिंग मॉल जैसे 15 अन्य बिजनेस भी शामिल हैं। ‘मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स’ के 13 देशों में 350 से अधिक स्टोर हैं और यह ज्वेलरी इंडस्ट्री में एक प्रतिष्ठित नाम बन चुका है।

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