घर-घर खाना बनाकर मां ने पढ़ाया, ट्यूशन छोड़ सेल्फ स्टडी...नोएडा के आशीष ने कैसे क्रैक किया JEE एग्जाम?

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jul 26, 2024, 11:27 PM IST

नोएडा के आशीष कुमार की प्रेरणादायक कहानी जानिए, जिन्होंने आर्थिक तंगी और बिना ट्यूशन के सेल्फ स्टडी से जेईई एडवांस्ड 2024 को क्रैक किया। जानें कैसे मां की मेहनत और खुद पर विश्वास ने उनकी सफलता की राह बनाई।

JEE Success Story: घर की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल। दूसरों के घर खाना बनाकर मां ने पढ़ाया। ट्यूशन पढ़ने तक के पैसे नहीं। नोएडा के एक छोटे से स्कूल से स्कूलिंग हुई। 10वीं पास करने के बाद आईआईटी से पढ़ाई का सपना देखा और जेईई परीक्षा की तैयारी में जुट गए। नोएडा के रहने वाले आशीष कुमार (Aashish Kumar) ने जेईई एडवांस्ड 2024 (JEE Advanced) क्रैक कर अपना सपना पूरा किया। उनकी कहानी मध्यम आय वर्ग से आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो आर्थिक तंगी को अपने सपनों को पूरा करने की राह का सबसे बड़ा रोड़ा मानते हैं। आइए जानते हैं आशीष कुमार की इंस्पिरेशन स्टोरी।

दूसरों के घर खाना बनाती हैं मां

दरअसल, नोएडा के रहने वाले आशीष कुमार चार भाईयों में सबसे छोटे हैं। फिजिक्सवाला के फाउंडर अलख पांडेय के साथ उनकी बातचीत का एक वीडियो यूथ में लोकप्रिय हो रहा है। आशीष कहते हैं कि मां ने उन्हें सपोर्ट किया। दूसरों के घर में खाना बनाती हैं। पढ़ाई का पूरा एक्सपेंस मां ने ही वहन किया। जेईई एग्जाम की तैयारी के दौरान वह अक्सर सोचते थे कि सफलता मिलेगी या नहीं। आशीष का कहना है कि सिर्फ खुद पर भरोसा रखो। सफलता मिल जाती है। 

मां के सपोर्ट से पढ़ाई

आशीष कुमार को जेईई एडवांस्ड 2024 एग्जाम में 3014वीं रैंक मिली है। उनका दाखिला  आईआईटी धनबाद में हुआ है। कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करेंगे। उनकी स्कूलिंग नोएडा के ही एक छोटे से स्कूल से हुई। आशीष के बड़े भाई नौकरी करते हैं। वह कहते हैं कि उन्होंने बचपन से ही मां को काम करते देखा है। मां के सपोर्ट की वजह से चारो भाई पढ़ाई कर पाए। यदि मां इतनी मेहनत न करती तो पढ़ाई कर पाना मुश्किल था। परिवार में कोई भी उन्हें पढ़ाने वाला नहीं था।

ट्यूशन छोड़ चुनी सेल्फ स्टडी की राह

आशीष कहते हैं कि 10वीं क्लास पास करने के बाद से ही उनका आईआईटी से पढ़ाई का सपना था। उसी ड्रीम को पूरा करने के लिए वह जेईई एग्जाम की तैयारी में जुट गए। परिवार की आर्थिक हालत इतनी खराब थी कि 5वीं क्लास में ही ट्यूशन छोड़ दिया था और सेल्फ स्टडी की राह चुनी, क्योंकि ट्यूशन की फीस ज्यादा थी और 10वीं और 12वीं का एग्जाम भी खुद की पढ़ाई के दम पर पास किया। आशीष की कहानी बताती है कि यदि कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो व्यक्ति बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी पार कर लेता है। 

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