करप्शन उजागर करने पर गोली खाई, मेंटल हॉस्पिटल तक गएं, अब IAS बनें...करेंगे ये काम

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jul 4, 2024, 2:05 PM IST
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हाथरस (पूर्व में अलीगढ़) के गरीब परिवार से निकले रिंकू सिंह राही यूपीपीएससी के जरिए साल 2007 में जिला समाज कल्याण अधिकारी बने। घोटाले उजागर करने शुरू किए तो उन पर जानलेवा हमला हुआ।

लखनऊ। हाथरस (पूर्व में अलीगढ़) के गरीब परिवार से निकले रिंकू सिंह राही यूपीपीएससी के जरिए साल 2007 में जिला समाज कल्याण अधिकारी बने। घोटाले उजागर करने शुरू किए तो उन पर जानलेवा हमला हुआ। महीनों अस्पताल में रहें। मेंटल हॉस्पिटल तक जाना पड़ा। पर बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में उन्होंने अपनी जिंदगी में वापसी की। यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने लगे। वर्तमान में ट्रेनी आईएएस हैं। उन्हें अब पूरा विश्वास है कि वह भ्रष्टाचार से ज्यादा मजबूती से निपट सकेंगे।

उजागर किया था 100 करोड़ का घोटाला

साल 2008 में रिंकू सिंह राही को मुजफ्फरनगर के जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनाती मिली। कुर्सी पर बैठते ही उन्होंने जिले में सिलसिलेवार 100 करोड़ का घोटाला उजागर कर दिया। नतीजतन, माफियाओं के निशाने पर आ गए। 26 मार्च 2009 की सुबह जब वह बैडमिंटन खेल रहे थे, उसी समय उन पर गोलियों की बरसात की गई। तीन गोलियां उनके सिर में लगीं। अभी भी एक गोली का कुछ हिस्सा उनके सिर में ही है। हमला इतना घातक था कि वह चार महीने अस्पताल में रहें। एक आंख में ​खराबी आ गई। जबड़े को भी नुकसान पहुंचा था। पर उन्होंने हार नहीं मानी हॉस्पिटल से छुट्टी मिलते ही फिर अपनी मुहीम में जुट गए। महकमे ने उन्हें आईएएस-पीसीएस कोचिंग सेंटर का काम दिया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना

रिंकू सिंह राही ने भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना भी दिया। साल 2012 में करप्शन के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन चरम पर ​था। उसी समय राही भी भ्रष्टाचार के विरोध में धरना देने लगे। पुलिस ने उन्हें मेंटल हॉस्पिटल पहुंचाया और अगले दिन हॉस्पिटल में ए​डमिट करा दिया गया। फिर भी घोटालों को उजागर करने का उनका सिलसिला थमा नहीं। साल 2018 में सस्पेंड कर दिए गए। बहाली के बाद समाज कल्याण विभाग के हापुड़ स्थित कोचिंग की कमान संभाली। कई अभ्यर्थियों ने उनके मार्गदर्शन में सिविल सर्विसेज का एग्जाम क्लियर किया और आज अफसर हैं। 

यूपीएससी 2021 में 683वीं रैंक

रिंकू सिंह राही ने यूपीएससी सीएसई का एग्जाम दिव्यांग कोटे से दिया था। यूपीएससी 2021 में 683वीं रैंक हासिल की थी। भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनें। यूपी कैडर मिला। उनकी शुरूआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई। 12वीं पास करने के बाद स्कॉलरशिप मिली तो टाटा इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन किया था।

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