राजस्थान के जयपुर ग्रामीण इलाके के किशनगढ़ रेनवाल की रहने वाली विद्योतमा विनोद ने इतिहास रचा है। महज 15 साल की उम्र में आईपीएमटी एग्जाम पास कर देश भर में चर्चा में हैं।
जयपुर। राजस्थान के जयपुर ग्रामीण इलाके के किशनगढ़ रेनवाल की रहने वाली विद्योतमा विनोद ने इतिहास रचा है। महज 15 साल की उम्र में आईपीएमटी एग्जाम पास कर देश भर में चर्चा में हैं। यह परीक्षा दुनिया की कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। अब वह आईआईएम रोहतक से पढ़ाई करेंगी। ऐसा करने वाली वह देश की सबसे कम उम्र की छात्रा बन गई हैं।
पिता सरकारी टीचर, सेल्फ स्टडी से सक्सेस
आपको जानकर हैरानी होगी कि परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने न तो कोचिंग की थी और न ही कोई स्पेशल क्लास अटेंड किया था। सेल्फ स्टडी कर कीर्तिमान स्थापित कर दिया। उनके पिता विनोद वर्मा पेशे से टीचर हैं, जो एक सरकारी स्कूल में कार्यरत हैं। इसी वजह से परिवार को किशनगढ़ रेनवाल आकर रहने लगा।
13 साल में 10वीं पास
कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिखाई देने लगते हैं। ऐसा ही विद्योतमा विनोद के साथ भी हुआ। महज 13 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास की। वह भी 95 फीसदी अंकों के साथ तो सबकी आंखे खुली की खुली रह गईं। बेटी का टैलेंट देखकर परिवार ने उन्हें पढ़ने के लिए जयपुर भेज दिया था।
28,000 स्टूडेंट्स में चुने गए सिर्फ 150
बहरहाल, आईपीएमटी एग्जाम 150 सीटों के लिए आयोजित हुआ था। जिसमें 28,000 स्टूडेंट शामिल हुए थे। सिर्फ 800 स्टूडेंट्स को शॅार्टलिस्ट किया गया था। सभी शॉर्टलिस्ट बच्चों का आईआईएम रोहतक द्वारा इंटरव्यू लिया गया और फिर उसमें से सिर्फ 150 स्टूडेंट्स का चयन हुआ। वैसे यह एग्जाम देने के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 16 वर्ष होनी चाहिए। पर होनहार बेटी ने महज 15 साल की उम्र में एग्जाम क्लियर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया तो खुद आईआईएम अपने सिस्टम में बदलाव कर रहा है। अब विद्योतम 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स की पढ़ाई करेंगी।
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