जो लोग ज़िंदगी में नाकाम होकर हताश निराश हो चुके हैं उन्हें शाहजहांपुर के नदीम से सबक लेना चाहिए जिन्होंने कोविड में अपने जमे जमाए कारोबार में ऐसा नुकसान उठाया की मौत के आलावा कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था। लेकिन नदीम ने एक बार खुद को इकठ्ठा किया , अपने बच्चों का चेहरा देखा और लखनऊ निकल आए रोज़गार की तलाश में। यहां खुद का बिज़नेस शुरू किया और आज नदीम की ज़िंदगी एक बार फिरसे पटरी पर आ गयी है।
लखनऊ। शाहजहांपुर के नदीम होटल का काम हैं । वक़्त ने करवट बदला और कारोबार चौपट हो गया। नदीम ने कई स्टार्टअप किया लेकिन सब फ्लॉप हो गया। नौबत ये आ गयी की आर्थिक तंगी से तंग आ कर नदीम के दिमाग में आत्महत्या के खयाल पनपने लगे लेकिन बच्चों का चेहरा देख उन्होंने खुद को फिर से एक चांस देने की कोशिश किया और इस बार नदीम की किस्मत ने उनका साथ दे दिया। माय नेशन हिंदी से नदीम ने अपनी जर्नी शेयर किया।
कौन है नदीम
नदीम शाहजहांपुर के रहने वाले हैं , उनके वालिद सलीम कंट्रोली के नाम से मशहूर हैं और दादा हबीबुल्लाह कंट्रोली के नाम से फेमस थे। नदीम की पिछली तीन पुश्तें होटल का काम करती चली आ रही हैं। नदीम ने भी खानदानी बिज़नेस में हाथ आज़माया और बाप दादा के नाम की तरह नदीम कंट्रोली के नाम से मशहूर हो गए ।
कोविड में टूट गया कारोबार
नदीम कहते हैं साल 2010 में उनकी शादी हो हुई। एक बेटा और एक बेटी है। सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन कोविड में कारोबार पर असर पड़ने लगा। लॉकडाउन ने रोज़गार पर ऐसी लात मारी की संभालना मुश्किल हो गया। घर का खर्च बीवी बच्चों की ज़िम्मेदारी के दरमियान आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा। लॉक डाउन खत्म हुआ और नदीम ने मोबाइल की दुकान खोली लेकिन नुकसान उठाना पड़ा। फिर छोले भठूरे का काम शुरू किया लेकिन वो भी फ्लॉप हो गया। इन सबसे उकता कर नदीम के दिमाग में ख़ुदकुशी का खयाल आने लगा, लेकिन उन्होंने खुद को मौका दिया और लखनऊ में कारोबार करने का प्लान किया।
शुरू किया कबाब का बिज़नेस
नवंबर 2023 में नदीम लखनऊ रोज़ी रोटी कमाने के लिए लखनऊ आ गए और पुराने लखनऊ में अकबरी गेट के पास भोलेनाथ कुआं के पास नदीम दिल्ली कबाब के नाम से स्टाल लगाना शुरू किया। 10 हज़ार की लागत से नदीम ने कबाब का काम शुरू किया। शाम के 5 बजे से रात के 11 बजे तक नदीम का स्टाल लगता है। उनकी एक सींक कबाब 15 रूपये की होती है जो आम बाजार में 50 रूपये का होता है। वहीं एक दिन में नदीम की दुकान पर 40 से 50 फुटफॉल पड़ रहे हैं। नदीम कहते हैं की मेरी रोज़ी ऊपर वाले ने लखनऊ में लिखी थी इसलिए मुझे यहां मुनाफा हो रहा है।
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