पटना की पूर्णिमा पद्मासन कॉलेज के दिनों में इतनी मोटी थी कि उनके आर्ट टीचर उन्हें बुलडोजर कहते थे।  उनके सीनियर्स उनको मोटी कहते थे। उनका मजाक उड़ाया जाता था। ग्रेजुएशन के बाद पूर्णिमा साइंटिस्ट बनना चाहती थी लेकिन उनके मां-बाप ने उनको 4 साल के लिए घर में कैद कर दिया। कौन है पूर्णिमा क्यों उनके साथ समाज ने ऐसा व्यवहार किया यह तमाम बातें माय नेशन हिंदी से पूर्णिमा पद्मासन ने शेयर किया

कौन है पूर्णिमा पद्मासन
पूर्णिमा पद्मासन पटना की रहने वाली है मौजूदा समय में पूर्णिमा दो बेटियों की मां है एक कारपोरेट बैंकर है जो ओल्ड एज होम और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती हैं। पूर्णिमा का बचपन या ये कहें कि जब तक वो अपने मायके में थीं तब तक उनकी ज़िंदगी किसी डरावने सपने जैसे थीं।

मोटापा बना मज़ाक का कारण
पूर्णिमा कहती है जब उन्होंने कॉलेज में एडमिशन लिया तो उनका वेट 86 किलो था। कॉलेज के सभी लोग मजाक बनाते थे। उनके आर्ट्स के टीचर उनसे कहते थे तुम्हारा नाम पूर्णिमा नहीं अमावस्या होना चाहिए था बल्कि यह कहो कि तुम बुलडोज़र हो। इसी नाम से उन्हें पूरे कॉलेज में छेड़ा जाता था। लेकिन एक दिन पूर्णिमा ने हिम्मत किया और छेड़ने वालों से यह कहा कि तुम लोग मुझे बुलडोजर समझो या मोटी मैं खुद को मिस इंडिया समझती हूं और ऐश्वर्या राय समझती हूं। पूर्णिमा को नही पता था कि उस वक़्त उनके मुख पर सरस्वती जी विराजमान थीं और भविष्य में उनका बोला गया सच होने वाला था।


घर वालों ने पूर्णिमा को 4 साल तक घर में कैद किया
पूर्णिमा ने बताया की कॉलेज खत्म हो चुका था और मैं रैंक होल्डर थी डिस्टिंक्शन से ग्रेजुएशन किया था और साइंटिस्ट बनने का सपना मेरा पूरा होने वाला था । लेकिन तभी एक लड़का मेरे घर रिश्ता लेकर आ गया। इसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था, घरवालों को यह लगा की पूर्णिमा का उस लड़के से अफ़ेयर था, पूर्णिमा के मां-बाप ने अपनी बेटी के ऊपर भरोसा करने के बजाय उस पर भरोसा किया और लड़के के परिवार वालों को घर से बेइज्जत करके भगाया और पूर्णिमा को 4 सालों तक घर में कैद कर दिया। 


4 साल बाद बदली पूर्णिमा की किस्मत
इन चार सालों के दरमियान पूर्णिमा के पापा उनके लिए रिश्ते की तलाश में रहते थे तभी उन्हें एक रिश्ता मिला लेकिन लड़के के घर वालों ने पूर्णिमा के पापा को यह कहकर बेइज्जत कर दिया कि आपकी बेटी ना तो नौकरी करती है ना ही उसके पास कोई सुरक्षित भविष्य है। इस बात ने  पूर्णिमा के पापा को अंदर तक हिला दिया, और जब घर में उन्होंने यह बात अपनी पत्नी और पूर्णिया से बताया तब पूर्णिमा ने अपने पिता से कहा कि मुझे सिर्फ एक साल का समय दे दीजिए मैं अपने आप को साबित करूंगी। पूर्णिमा ने बैंक का एग्जाम दिया और प्रोबेशनरी ऑफिसर की नौकरी ज्वाइन किया। यह पूर्णिमा की जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था।

चार साल में 30 किलो वजन कम किया पूर्णिमा ने
घर में कैद रहने के दौरान पूर्णिमा ने अपना वेट बहुत कम कर लिया उनका वेट 4 सालों में 86 से 56 हो गया। साल 2009 में पूर्णिमा की शादी हो गई। 2011 में उनकी बड़ी बेटी पैदा हुई और हस्बैंड और बेटी के सपोर्ट से पूर्णिमा ने   ब्यूटी प्रजेंट की तैयारी करना शुरू किया और आखिर साल 2022 में पूर्णिमा ने मिसेज़ इंडिया वन इन अ मिलियन सेकंड रनर अप का खिताब जीता। पूर्णिमा को यह ख़िताब  अदिति गोवित्रीकर ने दिया था जो खुद भी मिसेज़ इंडिया थी और हिंदुस्तान की पहली मिसेज वर्ल्ड थी।

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