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Success Story: इन जुड़वा बहनों की मेहनत के आगे हार गई मुसीबत, बुलंदी पर पहुंची ऑटो रिक्शा चालक की बेटियां

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Aug 19, 2024, 04:05 PM IST
Success Story: इन जुड़वा बहनों की मेहनत के आगे हार गई मुसीबत, बुलंदी पर पहुंची ऑटो रिक्शा चालक की बेटियां

सार

रमसिना और रिज़ाना राशिद, केरल की दो जुड़वाँ बहनें, जिन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिस्थितियों का सामना किया और IIT में दाखिला प्राप्त किया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी।

Rakshabandhan Special: इस देश में बहुत से युवा हाई एजूकेशन प्राप्त करने का सपना देखते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही इस सपने को साकार कर पाते हैं। यह रास्ता कई बार चुनौतीपूर्ण हो सकता है और कभी-कभी हालात इतने कठिन हो जाते हैं कि हिम्मत डगमगा जाती है। लेकिन ऐसी ही परिस्थितियों में  केरल की जुड़वां रमसिना और रिज़ाना राशिद की कहानी हमारे सामने आती है, जिन्होंने अपने लक्ष्य को पाने के लिए अथक परिश्रम किया।

पिता चलाते हैं ऑटोरिक्शा, नहीं थी हाई एजूकेशन की हैसियत
रमसिना और रिज़ाना केरल के एक साधारण परिवार से आती हैं, जहां उनके पिता ऑटोरिक्शा चलाते हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद इन दोनों बहनों ने एक साथ हाई एजूकेशन प्राप्त करने का सपना देखा और उसे पूरा भी किया। आज वे दोनों अपनी उपलब्धियों के लिए प्रशंसा और आशीर्वाद प्राप्त कर रही हैं। दोनों जुड़वा बहनें हैं।

मेहनत के बूते IIT रुड़की और खड़गपुर से पूरी की पढ़ाई
रमसिना ने IIT रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की, जबकि रिज़ाना ने IIT खड़गपुर में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इनकी सफलता न केवल इनके लिए, बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए भी प्रेरणा का सोर्श बन गई है, जिन्होंने कठिनाइयों के कारण अपने सपनों को छोड़ दिया था।

अपने गांव की पहली शिक्षित हैं जुड़वा बहनें
दिलचस्प बात यह है कि रमसिना और रिज़ाना अपने गांव की पहली शिक्षित लड़कियां हैं। रमसिना बताती हैं कि वर्ष 2017 में हमने JEE एडवांस्ड एग्जाम पास किया, जिसमें मैंने ऑल इंडिया रैंक 4185 हासिल की और मेरी बहन ने 9000 रैंक हासिल की। इस तरह, इन दोनों बहनों ने एक टफ नेशनल लेवल की इंट्रेंस एग्जाम को क्रैक करते हुए IIT में दाखिला पाया।

कैसे होता है JEE एडवांस्ड में एडमिशन?
JEE एडवांस्ड एग्जाम में सफल होने के लिए छात्रों को पहले JEE मेन एग्जाम पास करना होता है। इसके बाद ही उन्हें JEE एडवांस्ड में बैठने का मौका मिलता है और इन दोनों परीक्षाओं में अच्छे नंबर लाकर ही IIT में प्रवेश संभव हो पाता है। रमसिना और रिज़ाना की इस यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत और लगन से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।


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