1.10 लाख करोड़ रुपये के साम्राज्य का मालिक होते हुए भी सादगी से जीवन जीते हैं। आइए जानते हैं भारत के इस अरबपति बिजनेसमैन की सक्सेस स्टोरी।
नई दिल्ली। 1960 के दशक में एक छोटी सी कम्पनी से काम शुरू किया, जो अब 1.10 लाख करोड़ के बिजनेस में तब्दील हो गया है। पर अब भी सिर्फ 6 लाख रुपये की कार से चलते हैं। विलासिता से इतने दूर हैं कि खुद के पास कोई मोबाइल फोन भी नहीं रखते। हम बात कर रहे हैं श्रीराम ग्रुप के फाउंडर राममूर्ति त्यागराजन की, जो एक अरबपति बिजनेसमैन हैं। आइए जानते हैं उनकी सफलता का राज।
1960 के दशक में श्रीराम ग्रुप की शुरूआत
राममूर्ति त्यागराजन की जीवनशैली किसी साधारण व्यक्ति की तरह है। मॉडर्न टेक्नोलॉजी से दूर रहते हैं। सादगी और ईमानदारी को जीवन का मूल सिद्धांत बनाया। जब लोग चिट फंड कम्पनियों के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। तब 1960 के दशक में श्रीराम ग्रुप की शुरूआत की। अब वही कम्पनी एक विशाल वटवृक्ष का रूप अख्तियार कर चुकी है।
कैसे खड़ा किया बड़ा बिजनेस?
चेन्नई बेस्ड कम्पनी की नींव 1974 में रखी गई थी। त्यागराजन ने एवीएस राजा और टी जयरमन के साथ मिलकर इसकी शुरूआत की थी। चिट फंड से शुरू होकर कम्पनी का विस्तार लोन और इंश्योरेंस सेक्टर तक हुआ। उन्होंने कमजोर आय वर्ग के लोगों की मुश्किलें समझी। ऐसे लोगों को बैंक से लोन मिलना आसान नहीं था, क्योंकि उनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं थी। कम आय वर्ग वालों और ट्रक ड्राइवर्स को बैंक लोन के लिए बाहर का रास्ता दिखा रहे थे। उन्होंने उसी अवसर को पहचाना और ऐसे लोगों को लोन देना शुरू कर दिया। मौजूदा समय में उनकी कम्पनी व्यावसायिक वाहनों को लोन देने के लिए जानी जाती है।
कभी बीमा कंपनी में नौकरी, अब 1,08,000 लोगों को रोजगार
एक समय राममूर्ति एक बीमा कंपनी में काम करते थे। अब श्रीराम ग्रुप में लगभग 1,08,000 लोगों को रोजगार दिया है। कम्पनी ट्रकों, ट्रैक्टर्स और अन्य व्हीकल के लिए लोन देती है। यह सब उनके सूझबूझ की वजह से संभव हो पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह कर्मचारियों को परिवार की तरह मानते हैं और उन्हें बिजनेस के ग्रोथ का क्रेडिट भी देते हैं। कम्पनी का माहौल ऐसा बनाया ताकि छोटे से छोटे कर्मचारी भी जुड़ाव फील कर सके।
दानवीरों की लिस्ट में भी शुमार
रिपोर्ट्स के अनुसार, त्यागराजन देश के बड़े दानवीरों की लिस्ट में भी शामिल हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने 75 करोड़ डॉलर वाली एक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच दी और उससे मिले पैसों को डोनेट कर दिया। यह जानकर आप एक बार फिर सरप्राइज हो जाएंगे कि इन सबके बावजूद वह अब भी एक छोटे से ही घर में रहते हैं। कम्पनी की मार्केट वैल्यू करीबन 8.5 बिलियन डॉलर आंकी गई है।