फेसबुक को टक्कर देने 3 स्टूडेंट्स ने बना डाला ​Feeding Trends, ब्लागिंग के साथ कमाई भी कर रहे लोग

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Aug 4, 2023, 4:04 PM IST

फेसबुक को टक्कर देने के लिए कम्प्यूटर साइंस ग्रेजुएट यश श्रीवास्तव फिडिंग ट्रेंड्स लेकर आए हैं। लोगों के सा​थ रिवेन्यू भी शेयर कर रहे हैं। कुछ लोग ब्लागिंग के साथ कमाई भी कर रहे हैं।

लखनऊ। नासा में काफी भारतीय इंजीनियर काम करते हैं। तमाम टेक्नोक्रेट्स ने अपने काम से विदेशों में देश का मान बढ़ाया है। फिर भी ज्यादातर लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट्स (Social Media Sites) विदेशों से हैं। बीबीडी यूनिवर्सिटी (Babu Banarasi Das University) से साल 2017 में कम्प्यूटर साइंस ग्रेजुएट यश श्रीवास्तव ने इस पर गौर किया और कॉलेज से निकलने के बाद अपने दोस्तों शेखर गुप्ता और मोहम्मद फहद के साथ मिलकर फिडिंग ट्रेंड्स (Feeding Trends) की शुरुआत कर दी और फेसबुक को टक्कर देने के लिए मैदान में उतर गए। 

Feeding Trends सितम्बर 2020 में लॉन्च 

MY NATION HINDI से बात करते हुए यश श्रीवास्तव कहते हैं कि साल 2018 से 2020 तक एक्सपेरिमेंट और रिसर्च का फेज चला। सितम्बर 2020 में Feeding Trends लॉन्च हुआ। फिर एक से डेढ़ साल तक टेस्टिंग चली। अभी 20 हजार क्रिएटर हैं और करीबन 2 करोड़ रीडरशिप है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीबन 30 लोगों की टीम काम कर रही है। हर महीने हमारी ग्रोथ बढ़ रही है।

फिल्म मेकिंग स्टार्टअप के साथ भी काम

यश श्रीवास्तव पढ़ाई के दौरान ही एक​ फिल्म मेकिंग स्टार्टअप के साथ काम कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने देखा कि कंटेंट इंडस्ट्री कैसे काम करती है। इंटरप्रेन्योरशिप शुरु करने और उसे डेवलप करने के बारे में सीखा। फिडिंग ट्रेंड्स को शुरु करने में वही सीख उनके काम आई। यश श्रीवास्तव कहते हैं कि स्टार्टअप के साथ काम करने के दरम्यान बहुत सी चीजें सीखने को मिली। एक टीम मिली, उसके बिना यह सोचना भी मुश्किल था कि फेसबुक को टक्कर कैसे दे सकते हैं।

परिवार को समझाना था मुश्किल

फिडिंग ट्रेंड्स शुरु करने को लेकर परिवार को कन्वेंस करना आसान नहीं था। जब यश श्रीवास्तव ने अपने पिता को स्टार्टअप के बारे में बताया तो उन्होंने यश के सामने दो कंडीशन रखी। पहला स्टार्टअप असफल होने पर सारी रिस्पांसिबिलिटी तुम्हारी होगी और दूसरा घर से पैसे नहीं मिलेंगे। यश श्रीवास्तव तैयार हो गए। पहले दो साल प्रयोग के दौर चलें। उस दरम्यान भी अपनों को समझा पाना चुनौती भरा था कि वह क्या कर रहे हैं? जब रिकाग्निशन मिलनी शुरु हुई तो लोगों का विश्वास जमा। 

कोविड में आया बुरा दौर

यश श्रीवास्तव कहते हैं कि लखनऊ में आफिस था। 25 लोगों की टीम काम कर रही थी। उसी दरम्यान साल 2020 में जब हमारा स्टार्टअप शुरु हुआ, कोविड महामारी आ गई। तब टीम में सिर्फ हम तीन लोग ही बचे थे। वह हमारे लिए बुरा दौर था। हमारे साथ के लोग मुश्किलों से गुजर रहे थे और हम उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहे थे। 

मिल चुके हैं ये अवार्ड

यश श्रीवास्तव की टीम केंद्र सरकार के 'चुनौती' नाम से नेशनल लेबल के कॉम्पिटीशन की विनर रही। गोवा में टॉप 10 टूरिज्म स्टार्टअप में शामिल हैं। यूपी ब्रांड लीडरशिप अवार्ड मिला है। फिल्म मेकिंग स्टार्टअप के साथ काम करते हुए भी यश को अवार्ड मिल चुके हैं। यश कहते हैं कि हम चाहते हैं कि Feeding Trends प्लेटफार्म नालेज कंटेंट के हब के रूप में जाना जाए। 

ब्लागिंग के साथ कर सकते हैं कमाई 

यश श्रीवास्तव कहते हैं कि हमारे देश में हर 50 किमी पर भाषा बदल जाती है। हमारा देश नॉलेज का हब है। हम क्रिएटर के साथ कमाई भी शेयर करते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एआई का इस्तेमाल किया गया है, ताकि क्रिएटर को कंटेंट बनाने से लेकर कमाई में आसानी हो। कुछ लोग पैसा भी कमा रहे हैं। वीडियो से आर्टिकल बनाने का फीचर भी दिया गया है। किसी भी भाषा में टेक्सट डाला जा सकता है। जल्द ही हम एक नया फीचर भी लॉन्च कर रहे हैं, तब यदि आप किसी कंटेंट को अंग्रेजी में डालते हो तो वह हिंदी समेत अलग अलग 10 भाषाओं में खुद कनवर्ट हो जाएगा। इस पर आप कम्यूनिटी भी बना सकते हैं। आने वाले समय में रिवेन्यू मॉडल और बेहतर होगा।

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